
कोटा – जिला कलेक्टर के आदेशानुसार अनुभाग के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोटा श्री युगल किशोर उर्वशा द्वारा विकास खंड के सभी प्राचार्य की बैठक कोटा जनपद सभागार में लिया गया । इस दौरान जिला कलेक्टर श्री अवनीश शरण के निर्देशानुसार विद्यालय संचालन में निम्नानुसार निर्देशों का कडाई से परिपालन सुनिश्चित किए जाने पर जोर दिए जिसमे क्रमशः 1. विद्यालयों में प्रार्थना निर्धारित समय पर हों तथा प्रार्थना में सभी शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहें। 2. प्रार्थना उपरांत समय-समय पर विद्यार्थियों के बस्ते चेक किये जाएं, जिससे विद्यार्थी विद्यालय में अवांछित वस्तुएं लेकर ना आ सकें, उनकी प्रवृत्ति सकारात्मक एवं संस्कार युक्त हो सके। 3. प्रत्येक कालखंड में शिक्षकों की उपस्थिति समय पर सुनिश्चित की जाए। यदि विषय शिक्षक अनुपस्थित हैं तो अध्यापन व्यवस्था के तहत शिक्षकों को नियुक्त किया जाए, ध्यान रखें किसी भी कालखंड में कोई कक्ष खाली ना रहे। 4. दीर्घ अवकाश (भोजन अवकाश) में बच्चों को विद्यालय परिसर से बाहर न जाने दिया जावे। भोजन अवकाश के समय प्रतिदिन दो शिक्षक-शिक्षकाओं की ड्यूटी लगाई जावे, जो विद्यालय के कक्षाओं एवं परिसर में घूम कर बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें। 5. भोजन अवकाश में बाहरी वेंडर अथवा ठेले वालों को सामग्री बेचने हेतु प्रवेश न दिया जाए। 6. विद्यालयों में विद्यालय निधि अथवा शाला प्रबंधन समिति / पंचायत के माध्यम से सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था सुनिश्चित की जावे। 7. TOFEI (तंबाकू मुक्त शैक्षिक संस्थान कार्यक्रम) के अंतर्गत विद्यालय परिसर के 100 मीटर के दायरे में नशा सामग्री / पान-गुटका इत्यादि का बिक्री एवं सेवन प्रतिबंधित है, इसका कड़ाई से पालन किया जाए। यदि आसपास कोई ऐसे दुकान अथवा ठेले हैं तो इसकी सूचना स्थानीय पुलिस अथवा प्रशासन को दें। 8. विद्यालयों में कक्षा प्रतिनिधि एवं छात्र परिषद का गठन किया जावे तथा इन्हें अवांछित गतिविधियों पर निगरानी एवं गोपनीय रूप से सूचना देने हेतु सक्रिय करते हुए जिम्मेदारी दिया जावे। 9. प्रत्येक विद्यालय में एक पत्र पेटी रखा जावे, जिसमें बच्चे अवांछित गतिविधियों में लिप्त रहने वाले बच्चों की जानकारी गोपनीय रूप दे सकें। 10. विद्यालयों में एस.एम.डी.सी. एवं शिक्षक-पालक संघ की बैठक प्रति माह अनिवार्यतः किया जाना सुनिश्चित करें। 11. माध्यमिक विद्यालयों में SDP (School Development Plan) एवं प्रारंभिक विद्यालयों में SIP (School Improvement Plan) तैयार कर उसको प्रदर्शित एवं क्रियान्वयन सुनिश्चित कियाजावें। 12. विद्यालय में किसी भी प्रकार की अवांछनीय घटना घटित न हो इसके लिए समस्त कार्यरत स्टॉफ निगरानी रखें। 13. शाला में अवस्थित जीर्ण-शीर्ण कक्षों में कक्षा अध्यापन न करावें। सभी संस्था प्रमुखों को निर्देशित किया जाता है, कि अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहकर संस्थाहित में उत्तर दायित्वों का निर्वहन करते हुए उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जावे। साथ ही कहा गया कि विद्यालय निरीक्षण के दौरान विद्यालय संचालन में अनियमितता पाए जाने पर संबंधित शिक्षक एवं संस्था प्रमुख के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। बैठक मे एस डी एम कोटा ने कहा कि संस्था प्रमुख द्वारा विशेष रुचि लेक कक्षा 10वीं / 12वीं में 90+ परीक्षा परिणाम के लिए तैयारी करने हेतु सभी प्राचार्यों को निर्देशित किए।

बैठक मे उपस्थित सभी प्राचार्यों से कक्षा 6वीं से 12वीं तक जाति, निवास, आमदनी प्रमाण पत्र की जानकारी लेते हुए कार्य मे प्रगति लाने के निर्देश दिए । इसी तरह से शालाओं में बालिकाओं की सुरक्षा पर चर्चा करते हुए शाला प्रबंधन समिति की बैठक लेकर लगातार अनुपस्थित बच्चों की जानकारी साझा करते हुए संबंधित बालकों से संपर्क कर बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के बारे मे चर्चा किए है। शाला संचालन से संबंधित दिशा निर्देश सहित दसवीं बारहवीं के परीक्षा परिणाम में 90 प्लस का लक्ष्य पर विस्तार पूर्वक चर्चा किए। इस दौरान विकास खंड शिक्षा अधिकारी श्री विजय टांडे सहित सभी प्राचार्यगण उपस्थित रहे।