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प्रदुषण की मार ऐसी की तलाब हो गया बदहाल, ग्रामीणों की निस्तारी और पशुओं का पानी पीना दुभर, वेलकम शराब फैक्ट्री एनजीटी के नियमों की धज्जियां उडानें में कोई कसर नही छोड़ रहा

ठा. प्रेम सोमवंशी (कोटा) प्रदूषण का मानव और पर्यावरणीय स्वास्थ्य पर व्यापक और  , नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और ये सब जल प्रदूषण, वाणिज्यिक और औद्योगिक कचरे से औद्योगिक अपशिष्ट प्रदार्थ जानबूझकर जल के सतह जल में छोड़े जाने के कारण होता है; जल में बहने वाले अपशिष्ट और प्रदूषकों से खतरा बढते जा रहा है। और ये खतरा फैलाने का काम कोटा विधानसभा क्षेत्र में स्थित वेलकम शराब फैक्ट्री प्रबंधन कर रहा है जो नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के नियमों की भी खुलकर धज्जियां उडा रहा है।

आपको बताते चले कि कोटा के छेरकाबांधा स्थित वेलकम शराब फैक्ट्री के पास वन विकास निगम की शासकीय भूमि है जिसमें ग्रामीणों की निस्तारी के लिए ये तलाब वन भूमि में  बनाया गया था पशुओं के पानी पीने के लिए था लेकिन वेलकम प्रबंधन  की मनमानी के चलते यह इतना भयंकर प्रदुषित हो गया है कि अब यह तालाब किसी के काम का नही रहा इसमें वेलकम के अपशिष्ट गंदगी को इतना बहा दिया गया है कि समझ नही आता कि यह तालाब है ना तो यह जानवरों के पीने योग्य है और ना ही ग्रामीणों के निस्तारी योग्य बचा।

ग्रामीणों नें बताया कि यह तलाब शासकीय वन भूमि पर है वेलकम प्रबंधन इसको इतना प्रदुषित कर दिया है कि अब ये किसी के निस्तारी के काम नही आता। वेलकम की मनमानी और लापरवाही के चलते ग्रामवासी परेशान है।

जानकारी के मुताबिक इस मामले में ग्रामीणों नें साल भर पहले आंदोलन किया था जिसमें वन विकास निगम के एक बीट गार्ड को निलंबित भी किया जा चुका है।

इस पूरे मामले में वन विकास निगम की एसडीओ चुनेश्वरी अदिति शिवाने से बात की गई तो उनका कहना था
मैने रेंजर से जानकारी ली है उन्होने बताया कि हमने जांच की थी हमारे वन भूमि में वह तलाब है और वेलकम फैक्ट्री का अपशिष्ट प्रदार्थ उसमें बहाया जा रहा है मै जांच के और डाक्यूमेंट चेक कराती हूं और डीएफओ सर से चर्चा कर जो भी उचित कार्यवाही होगी की जाएगी।

वर्तमान में क्षेत्र के हलातों और वेलकम डिस्टलरीज के कारनामों को देखते हुए ऋषि सिंह ठाकुर नें राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल में शिकायत भेजी है।

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