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पुलिस ने पेश किया मानवता का मिशाल,बुजुर्ग महिला के शव को कंधा देकर किया रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार…
सामाजिक बंधन को तोड़ कर पत्रकार ने दिया मानवता का परिचय…

मनमोहन सिंह राजपूत(खैरा) … बिलासपुर जिले के ग्राम पंचायत मोहली में बेलगहना पुलिस की सार्थक पहल से 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार किया गया। सामाजिक कुरीतियों से पीड़ित बेसहारा महिला को कंधा देने 2 दिनों तक न तो ग्रामीण व जनप्रतिनिधि आगे आए और न ही समाजसेवी। सूचना उपरांत मानवता का परिचय देते हुए पुलिस ने रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया।

आधुनिकता के इस दौर में भी सामाजिक कुरीतियां अभी भी बनी हुई है।लोग इसके नियम कानून में बंधित होकर मानवता को शर्मसार करते हैं।समाज से बहिष्कृत ग्राम मोहली निवासी अमृत बाई उम्र 90 वर्ष अपने लगभग 60 वर्षीय पुत्र के साथ रहती थी।जिनकी 9 फरवरी 2023 दिन गुरुवार को मृत्यु हो गई।मौत के बाद भी सामाजिक बहिष्कार खत्म नहीं हुआ।शव को कंधा देकर अंतिम संस्कार करने परिजन,जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों में से किसी ने भी अपनी मानवता नहीं दिखाई।नतीजन 2 दिन तक बुजुर्ग महिला का शव घर में ही पड़ा रहा। मामले की जानकारी पश्चात चौकी प्रभारी हेमंत सिंह ठाकुर के निर्देशानुसार प्रधान आरक्षक राजेश्वर साय, आरक्षक सत्येंद्र सिंह और ईश्वर नेताम ने ग्राम मोहली पहुंचकर राजू सिंह क्षत्री, पत्रकार मजीद खान,अविनाश मिश्रा और ग्राम कोटवार राहुल प्रमोद यादव की सहयोग से पूरे रीति रवाज के साथ कंधा देकर बुजुर्ग महिला के शव का अंतिम संस्कार किया गया।

धार्मिक बंधन को तोड़कर इंसानियत का दिया परिचय—— धर्म के बंधन से परे होकर पत्रकार मजीद खान ने मानवता का परिचय देते हुए सांप्रदायिक सौहार्द का मिसाल पेश किया।बुजुर्ग महिला की अंतिम शव यात्रा में जब ग्राम के सामाजिक व्यक्ति शामिल नहीं हुए तब ऐसे में मजीद खान अपना हाथ आगे बढ़ाया और दफन करने के लिए गड्ढा की खुदाई किया।जिसके बाद नियमानुसार अंतिम संस्कार हुआ।

सामाजिक बहिष्कार के प्रति जागरूकता की है जरूरत—- बहिष्कार जैसे सामाजिक कुरीति एक अभिशाप की तरह है।21वीं सदी के इस दौर में भी जहां लोग जाति-धर्म,ऊंच-नीच के भेदभाव को त्यागकर आपसे भाईचारा और समरसता के साथ एक जुट होकर रह रहे है।ऐसे में लोग आज भी रूढ़ीवादी समाजिक बुराई के बीच घिरे हुए हैं।आधुनिकता के इस समय में समाज में फैली बहिष्कार जैसी प्रथा को समाप्त करने ठोस पहल की आवश्यकता है। लोगों में एक दूसरे के प्रति सहयोग और मानवता बनी रहे।साथ ही सामाजिक बुराई के प्रति लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा।

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