
कोटा – “धरती को हरा-भरा रखना है, आने वाले कल को बचाना है।” इसी संकल्प के साथ खोंगसरा ग्राम में विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन बड़े उत्साह और जनभागीदारी के साथ मनाया गया। वन विभाग और जोहार पहुना फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से यह आयोजन जनजागरूकता और प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम साबित हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत पौधारोपण के साथ हुई, जिसमें बच्चों, शिक्षकों, जनप्रतिनिधियों, मितानिन बहनों, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, वन विभाग की टीम और ग्रामीणजनों ने भाग लिया। गांव के शासकीय विद्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आंगनवाड़ी केंद्र, पंचायत भवन और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर पौधे रोपे गए।

बाल सृजन से सजा आयोजन: रंगोली, चित्र, कविता, गीत और नारा
कार्यक्रम की विशेषता रही बच्चों की सक्रिय और रचनात्मक सहभागिता। उन्होंने पर्यावरण की रक्षा हेतु रंगोली, चित्र, कविता, गीत और नारे बनाकर गहरी छाप छोड़ी। बच्चों ने न केवल एक-एक पौधा लगाया, बल्कि उसे संरक्षित करने की शपथ भी ली। उनका उत्साह देखते ही बनता था।

वन विभाग और फाउंडेशन के संदेश
वन परिक्षेत्र अधिकारी श्रीमती झल्ली मार्को ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा —
“पेड़ धरती के फेफड़े हैं। वृक्षों से न केवल जीवन चलता है, बल्कि हमारी संस्कृति और भविष्य की नींव भी बनती है। एक-एक पौधा लगाकर उसे बड़ा करना ही सच्चा पर्यावरण संरक्षण है।”
जोहार पहुना फाउंडेशन के प्रदीप कुमार शर्मा ने कहा —
“पर्यावरण संरक्षण केवल एक दिन का कार्य नहीं, यह सतत यात्रा है। बच्चों की भागीदारी बताती है कि अब हरियाली की जिम्मेदारी केवल सरकार या संगठन की नहीं, बल्कि समाज की भी है।”
जनपद सदस्य श्री बलराम सिंह ने कहा —
“हम सबको मिलकर यह सुनिश्चित करना है कि हर लगाया गया पौधा जीवित रहे। बच्चों की यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत संदेश है।”
खोंगसरा सरपंच शिवमान सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजनों में पूरा समाज और लोगो को एकत्र करके हम पर्यावरण संरक्षण के लिए ठोस योजना बना सकते है। शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष राजकुमार राठौर ने कहा कि संस्था लगातार जल जंगल जमीन के लिए सार्थक कदम उठा रही है। हम सभी को भी इसका हिस्सा बनना होगा। हमारा वन क्षेत्र कितना सुंदर और पर्यटन का क्षेत्र है। इसे बचाना होगा। हम स्कूल से इसकी शुरुवात करेंगे।

पौधारोपण में शामिल रहे मुख्य पौधे:
आम, जामुन, आंवला, अमरूद, काजू, गुलमोहर, सफेद चंदन, पीपल, बरगद, करंज, महोबिनी, बहेरा जैसे पौधे लगाए गए, जो न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से उपयोगी हैं, बल्कि इनमें से कई औषधीय और फलदार भी हैं।
स्वास्थ्य विभाग और मितानिनों की भागीदारी
श्रीमती मिथलेश भारद्वाज और श्रीमती गीता राठिया (स्वास्थ्य विभाग) ने बच्चों और अभिभावकों को बताया कि पेड़ों और साफ हवा का स्वास्थ्य पर क्या सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वहीं मितानिन बहनों ने स्वास्थ्य केंद्र परिसर में पौधे रोपे और आम जन को वृक्षों के महत्व पर संदेश दिए।
एक समावेशी आयोजन: समुदाय, विद्यालय, सरकार सब एक साथ
इस आयोजन ने यह सिद्ध किया कि जब समाज, प्रशासन और संस्थाएं एकजुट होकर कार्य करें, तो हरियाली और जागरूकता का बीज न केवल धरती पर, बल्कि बच्चों के मन में भी अंकुरित होता है।

कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने हरेक पौधे की निगरानी और देखरेख के लिए जिम्मेदारी लिए। छात्र छात्राओं और पालको ने भी बढचढकर भागीदारी किया।
इस दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, लोक निर्माण विभाग,वन विभाग के समस्त पदाधिकारी मौजूद रहे ।
जिसमें शाला प्राचार्य- दूजलाल लहरें,अनीता सिंह धुर्वे(सरपंच आमागोहन),शिवमान सिंह (सरपंच खोंगसरा), झल्ली मार्को (डिप्टी रेंजर खोंगसरा परिक्षेत्र), राकेश तिवारी(वरिष्ठ जनप्रतिनिधि),रामेश्वर सिंह राजपूत(अध्यक्ष मंडल कोटा) राजकुमार राठौर( अध्यक्ष-शाला प्रबंधन समिति), रमेश रोहणी(इंजीनियर लोक निर्माण विभाग),
दिगंबर रोहणी(पीडीएस विभाग), बलराम मरावी(जनपद सदस्य एवं प्रतिनिधि-वानिकी), राजेश पांडेय(जनप्रतिनिधि), मिथलेश भरद्वाज(स्वास्थ्य अधिकारी), आलोक मिश्रा(व्याख्याता),कासीराम बंजारे(व्याख्याता), त्रिलोक सिंह ओट्टी (संकुल समन्वयक)रामसिंह पटेल(जनप्रतिनिधि), लोचन सिंह(सरपंच प्रतिनिधि),
पीतांबर रोहणी, स्वराज पटेल(सामाजिक कार्यकर्ता), कुंज बिहारी पोर्ते(वनरक्षक), नील कुमार एक्का(वनरक्षक), प्रमोद यादव(मीडियाकर्मी)
टीकाराम जायसवाल (वन विभाग), संजय धुर्व(सरपंच प्रतिनिधि), प्रीतम रोहणी(उपसरपंच) प्रदीप पांडेय(भूतपूर्व छात्र), जितेंद्र शर्मा(भूतपूर्व छात्र), प्रेमचंद मिरे(भूतपूर्व छात्र),बजरंग पटेल(भूतपूर्व छात्र), अभिषेक केसरवानी(भूतपूर्व छात्र) के साथ निम्नलिखित शाला के छात्र छात्राएं शामिल हुई। – माही बेगम,दिशा रोहणी,दीपमाला बंजारे, स्नेहा सेन,अन्तरा पांडेय,रितम के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। सबने पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन की शपथ लिया।