
कोटा – शासकीय निरंजन केशरवानी महाविद्यालय कोटा में दो दिवसीय राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह का आयोजन छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद रायपुर द्वारा प्राप्त अनुदान के माध्यम से किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती और डॉ. सी. वी. रमन की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीपप्रज्वलन के साथ किया गया. इसके पश्चात छात्रा नंदिनी श्रीवास्तव के द्वारा छ.ग. का राज्य गीत प्रस्तुत किया गया. कार्यक्रम के संयोजक भौतिकशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विनीत कुमार मन्नाडे ने जानकारी देते हुवे बताया कि छात्र-छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने और नवाचार एवं क्रियात्मकता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न रोचक प्रतियोगिताओं रंगोली, निबंध लेखन, चित्रकला एवं विज्ञान प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया, जिसमें महाविद्यालय के सभी संकायों के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. युवाओं मे वैज्ञानिक दृष्टिकोण, नवाचार एवं शोध करने की इच्छा शक्ति विकसित करने तथा विज्ञान की गहरी समझ को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम के दूसरे दिन विषय विशेषज्ञों का व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महाविद्यालय की प्राचार्य एवं संरक्षक डॉ. नाज़ बेंजामिन ने अपने उद्बोधन में बताया कि यह कार्यक्रम महाविद्यालय के छात्र छात्राओं में शोध अभिरूचि कों जागृत करने, वैज्ञानिक और आधुनिक तकनीकों का महत्व समझने और भविष्य के क्रियान्वयन की योजना बनाने, अपने लक्ष्य की प्राप्ति करने के लिए अत्यंत महत्वकारी सिद्ध होगा. उन्होंने बताया कि विज्ञान का विस्तार इतना वृहद रूप लेता जा रहा है की भविष्य में आने वाली तकनीक का उपयोग समाज के प्रत्येक वर्ग के लिये लाभ दायक होगा. वर्तमान युग सूचनाओं का युग है और सूचना निराकार है. इसका बढ़ता स्वरुप हमारे जीवन को सरल बनाने में निर्णायक है. तकनीकी सत्र में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के भौतिकी एवं खगोल भौतिकी विभाग के सह-प्राध्यापक डॉ. एन.के. चक्रधारी ने विद्यार्थियों को अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित तारों का जीवन नामक शीर्षक से तारों के बनने, विकसित होने एवं उनके अंतिम पड़ाव के बारे में विस्तृत जानकारियां प्रदान की और बड़ी सरलता से विद्यार्थियों की शंका का समाधान किया गया. इसके पश्चात पं सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय बिलासपुर के जीव विज्ञान विभाग के निदेशक डॉ. धनंजय मिश्र ने भारतीय ज्ञान परंपराओं में विज्ञान का इतिहास विषय पर व्याख्यान देते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा एवं भारतीय वैज्ञानिकों एवं उनके महत्वपूर्ण शोध कार्यों के बारे में जानकारी प्रदान की. कार्यक्रम के द्वितीय पाली के प्रथम सत्र में गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर के शुद्ध एवं अनुप्रयुक्त भौतिकी विभाग के सह-प्राध्यापक डॉ. पी. रामबाबू ने ताप विद्युत एक वैकल्पिक ऊर्जा एवं द्वितीय सत्र में डॉ. जी. आर. तुरपू ने विज्ञान में उच्च शिक्षा एवं शोध के अवसर विषय पर व्याख्यान दिए और विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा की पढ़ाई और शोध कार्य करने के लिए प्रेरित करते हुए विकसित भारत के निर्माण में उनकी अहम भूमिकाओं के बारे में विस्तृत जानकारियों को साझा किया. कार्यक्रम के समापन समारोह में पधारे सभी विषय विशेषज्ञों का स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर तथा विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का संचालन अंग्रेजी विभाग के विभागध्यक्ष डॉ. शांतनु घोष ने किया. गणित विभाग के विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम के समन्वयक श्री वाय.के. उपाध्याय ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहभागी सभी विषय विशेषज्ञों, महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक, क्रीड़ाधिकारी, ग्रंथपाल, कर्मचारी एवं सभी विद्यार्थियों के प्रति आभार प्रदर्शन किया और छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रोधोगिकी परिषद रायपुर को अनुदान प्रदान करने और समस्त सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय के विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।