
कोटा – कोटा विकास खण्ड के ग्राम पंचायत पोड़ी के नारायण बाड़ी के कोदवारी घाट अरपा नदी से बिना रायल्टी पर्ची के अवैध रूप से रेत का खनन कर ट्रेक्टर ट्रालियों से रात दिन निकाली जा रही रेत, वही वन विकास निगम क्षेत्र में आने के बाद भी इस मामले में वन विकास निगम इस मामले मौन साधे बैठी हुई है वही पोड़ी गाव में अवैध रेत डंप कर लाखो रुपये की रेत बिक्री कर राजस्व का नुकसान कर रहे है।

वन विकास निगम क्षेत्र सहित गांव में जगह जगह पर रेत डंप कर बिक्री की जा रही हैं इसके पूर्व भी राजस्व विभाग के द्वारा रेत डंप कर रखने वालों के खिलाफ दिखावा करते हुए डम्प रेत को जप्त कर खनिज विभाग को सौंपने की बात की गई थी, मगर वहां पर जाने पता चला कि पूरे रेत को ही रातो रात बिक्री कर दी गई थी इस पूरे मामले में अधिकारियों को जानकारी देने के बाद भी अरपा नदी से खनन कर बिक्री किया जा रहा है और वहां के कुछ जनप्रतिनिधियों के द्वारा ही अवैध रूप से हजारो ट्रैक्टर रेत डम्प कर रखा गया है।

खनिज विभाग को भी इस मामले जानकारी होने के बाद भी अब तक कोई कार्यवाही नहीं कि गई रेत घाट में अधिकारी छापा तो मारते हैं लेकिन उससे पहले ही रेत माफियो को इसकी जानकारी दे दी जाती हैं ताकि उनके आने से पहले ही रेत घाट से सभी ट्रेक्टर रफू चक्कर हो जाये,सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पता चला कि इस मामले में अधिकारी खुद उसमे संलिप्त है तो कहा से कार्यवाही करेंगे जो सप्ताह और महीने में उनका हिसा पहुँच रहा है इसलिए शायद उनके हाथ पांव कार्यवाही करने में डगमगा रहा है,जब इस रेत मामले कोटा एसडीएम युगल किशोर उर्वशा जानकारी ली गई तो उनका कहना है कि अवैध रूप से रेत खनन और डम्प कर बिक्री करने वालो के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए कोटा तहसीलदार प्रकाश चंद साहू को निर्देशित कर दिया गया है जल्द ही इस पर कार्यवाही की जाएगी।अब देखना होगा कि आखिर कब तक कार्यवाही की जाएगी तब तक पूरा अरपा नदी से रेत चोरी कर और डम्प रेत को ही बिक्री कर दी जाएगी।

इस पूरे मामले में भी वन विकास निगम क्षेत्र में आने के कारण रेंजर से भी बात की गई और जानकारी दी गई कि आपके जंगल से ही रेत निकाली जा रही हैं और जंगल मे ही अवैध रेत डम्प किया जा रहा है उसके बाद भी कोई कार्यवाही नही की गई कही ऐसा तो नही की उनका भी कुछ बनता होगा एक बात और वही जंगल मे ही एक गाँव के आदमी ने पूरे जंगल का इमारती लकड़ी काटकर 10 से 15 एकड़ भूमि को कब्जा कर वहां से मिट्टी खोदकर ईटा भट्टा के लिए मिट्टी ले गया है और पूरे जमीन को ही कब्जा कर लिया है, रेंजर साहब को फोन भी लगातार दो दिन से लगाया जा रहा है लेकिन रेंजर साहब को कोई मतलब ही नही चाहे जंगल से लकड़ी काटे या कब्जा करे या मिट्टी खोदकर ले जाये महीने का उनका तनख्वाह तो राज्य सरकार दे ही रहा है ऑफिस में बैठे बैठे तो क्या जरूरत जंगल की ओर जाने से आखिर कब होगा कार्यवाही यहां देखने वाली बात है।
