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प्राचार्य प्रो. बी. एल. काशी की सेवानिवृत्ति पर शासकीय महाविद्यालय कोटा में सम्मान समारोह आयोजित

(कोटा) शासकीय निरंजन केशरवानी महाविद्यालय कोटा के प्राचार्य प्रो. बी. एल. काशी 40 वर्ष की शासकीय सेवा के पश्चात सेवानिवृत्त हो गए. इस अवसर पर महाविद्यालय के स्टाफ की ओर से उनका सम्मान और विदाई समारोह आयोजित किया गया, साथ ही नवनियुक्त प्रभारी प्राचार्य प्रो. ए. के. पाण्डेय का अभिनंदन किया गया. 1984 में स्कूल शिक्षा विभाग से अपनी शासकीय सेवा प्रारंभ करते हुए प्रो. बी. एल. काशी ने 1989 से उच्च शिक्षा विभाग में बिल्हा, कुरूद एवं कोटा में सहायक प्राध्यापक के पद पर अपनी सेवाएं प्रदान की. सन 2018 से 2024 तक इन्होंने शासकीय निरंजन केशरवानी महाविद्यालय कोटा के प्राचार्य के रूप में पूर्ण निष्ठा और कर्तव्यपरायणता के साथ कार्य किया. इनके कार्यकाल में महाविद्यालय ने सभी क्षेत्रों में बहुमुखी विकास करते हुए 2022 में नैक मूल्यांकन में अभूतपूर्व उपलब्धि के साथ बी प्लस ग्रेड प्राप्त किया।

इस अवसर पर अपने उदबोधन में प्रो. बी. एल. काशी ने बताया कि सेवानिवृत्ति एक शासकीय प्रक्रिया है परंतु एक शिक्षक कभी भी सेवानिवृत्ति नहीं होता और आजीवन लोगों को विभिन्न विषयों पर नवीन सीख देते रहता है. महाविद्यालय की उपलब्धियों का श्रेय अपने स्टाफ और विद्यार्थियों को देते हुए उन्होंने कहा कि अपने सेवाकाल में आप सभी से मैंने कुछ न कुछ सीखने और संस्था को पहली प्राथमिकता देने  का प्रयास किया।

प्रभारी प्राचार्य प्रो. ए. के. पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में बताया कि अत्यंत सरल, विनम्र और मृदुभाषी प्रो. बी. एल. काशी के महाविद्यालय के लिए विभिन्न अवसरों पर अतुलनीय योगदान को भूलाया नहीं जा सकता है. हमें उनकी कार्यशैली, आचरण और व्यवहार से प्रेरणा लेनी चाहिए. जब कोई कर्मचारी शासकीय सेवा में आता है, तो उसके काम करने की शैली से ही वह अपनी पहचान बनाता है. कुछ लोग अपने काम से अपनी छाप छोड़ जाते हैं, जो लोगों के लिए हमेशा यादगार रहती है।

महाविद्यालय के सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों ने उनके कार्यों की प्रशंसा की. सभी ने उनके दीर्घायु एवं स्वस्थ्य होने मंगलकामना करते हुए शॉल, श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह देकर उन्हें भावभीनी विदाई दी. इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन राजनीतिशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जे. के. द्विवेदी ने किया।

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