
ठा. प्रेम सोमवंशी (कोटा) ब्रह्माकुमारी ओम शांति सरोवर मुंगेली रोड, उस्लापुर, बिलासपुर के प्रांगण में 8 मई से यह कार्यक्रम 21 मई तक चल रहा है। जिसमें 6 साल से लेकर 13 साल तक के 60 बच्चे शामिल हुए हैं। इस समर कैंप में बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु योगासन, एक्सरसाइज, एरोबिक्स डांस, ड्राइंग, पेंटिंग, कई नई प्रकार की क्राफ्ट, मोरल वैल्यूज स्टोरीज के साथ दिव्य गुणों की धारणा के ऊपर अटेंशन दिलाते हुए, क्रिएटिव मेडिटेशन, कई प्रकार की एक्टिविटीज और स्प्रिचुअल सोंग्स, ड्रामा एवं उनके लिए 21 मई को कल्चरल प्रोग्राम भी रखे गए हैं।

बीके शिल्पा बहन ने बच्चों को पेपर क्राफ्ट सिखाया एवं स्वच्छता के कहा हमें मन की, अपने तन की और अपने आसपास की सफाई का ध्यान रखना चाहिए। इस पर उन्होंने बहुत सुंदर कविता भी बच्चों को सिखाई। और खेल खेल में बच्चों ने स्वच्छता का पाठ सीख लिया।

बीके अनामिका बहन व बीके खुशी बहन ने उन्हें एरोबिक एक्सरसाइज कराई . छाया दीदी ने सभी बच्चों को वृक्षारोपण के ऊपर समझाया कि वृक्ष हमारे जीवन के लिए कितने आवश्यक है। वृक्षों से हमें परोपकारीता का गुण सीखना चाहिए। निस्वार्थ व समान भाव से यह वृक्ष हमें, फल, फूल, छाया प्रदान करते हैं।

हमारे जीवन के लिए अति आवश्यक ऑक्सीजन भी हमें देते हैं और अशुद्ध वायु कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करते हैं। और वायुमंडल को शुद्ध, स्वच्छ, शीतल बनाते हैं। हमें वृक्षों की संभाल करनी है। यह दुनिया में हरियाली हमको देते हैं।

वृक्षों के बिना यह सारी दुनिया ही रेगिस्तान बन जाएगी। हमें वृक्षों को लगाकर इस दुनिया को फूलों का बगीचा बनाना है। जैसा बीज बोओगे वैसा पौधा, वृक्ष निकलेगा और फल मिलेगा।

इसी प्रकार हमारे संकल्प या विचार एक बीज का काम करते हैं उसी अनुसार कर्म और कर्म का फल होता है। इसलिए हमें अपने जीवन में अच्छे संकल्पों के बीज बोना चाहिए। क्योंकि जैसा हम सोचते हैं वैसा हम करते और बोलते हैं और वैसा बन जाते हैं।

इसलिए हमें सोच समझकर सोचना है। अच्छे विचारों को मन में लाने के लिए हमें अच्छी किताबें पढ़ना है अच्छी बातें सुनना है अच्छी बातें देखना है अच्छा ही संग करना है। क्योंकि जैसा संग करेंगे वैसा जीवन बन जाएगा. और सभी बच्चों को कहा कि सभी अपने घर में एक पौधा अवश्य लगाएंगे।

इसका एक नाम अपनी तरफ से रखें और उस पौधे की रोज संभाल करेंगे उसे पानी देंगे उसे प्यार करेंगे। सभी बच्चों ने बड़े उमंग से कहा कि हम सब पौधा अवश्य लगाएं आगे और उसका ध्यान रखें। और हम पौधों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे और हर साल एक पौधा लगाएंगे। बच्चों ने यह एक प्रॉमिस की। अंत में सभी बच्चों को क्रिएटिव मेडिटेशन कराया गया।
