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छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के द्वारा 5 सूत्री मांग को लेकर किया काम बंद आंदोलन, कोटा एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

ठा. प्रेम सोमवंशी (कोटा) छत्तीसगढ़ प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा समय-समय पर ज्ञापन, धरना, प्रदर्शन एवं आंदोलन के माध्यम से निम्नलिखित 5 सूत्री मांगों के संबंध में ध्यानाकृष्ट कराया जाता रहा है। किंतु शासन द्वारा आज पर्यन्त मांगों के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिए जाने के कारण प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है। आज दिनांक 7 जुलाई को 5 सूत्री मांगों को लेकर काम बंद आंदोलन किया गया। अपनी मांगों को लेकर संगठन के पदाधिकारियों ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोटा को ज्ञापन सौंपा है।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा से संबंध संगठन छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन, छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ छत्तीसगढ़, मंत्रालयीन कर्मचारी संघ एवं प्रदेश के समस्त कर्मचारी अधिकारी संगठनों के द्वारा उपरोक्त मांगों को लेकर आज दिनांक 7 जुलाई को 5 सूत्री मांगों को लेकर काम बंद आंदोलन किया गया सरकार द्वारा निर्णय की स्थिति में 1 अगस्त 2023 को अनिश्चितकालीन आंदोलन किए जाने की बात कही

1 – छठवें वेतनमान के आधार पर देवगिरी भाड़ा भत्ते को सातवें वेतनमान के आधार पर केंद्रीय दर पर पुनरीक्षित किया जावे।

2 – राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केंद्र के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता स्वीकृत किया जावे।

3 – प्रदेश के कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर गठित पिंगुआ कमेटी एवं सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव की अध्यक्षता में वेतन विसंगति हेतु गठित समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जावे।

4 – कांग्रेस पार्टी के जन घोषणापत्र के क्रियान्वयन हेतु राज्य के समस्त कर्मचारियों को 4:00 स्तरीय वेतनमान क्रमशः 816 24 एवं 30 वर्ष की सेवा अवधि उपरांत किया जावे एवं अनियमित संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को नियमित किया जावे।

5 – पुरानी पेंशन का लाभ दिलाने हेतु प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना की जावे एवं पूर्ण पेंशन का लाभ अहर्तदायी सेवा 33 वर्ष के स्थान पर 25 वर्ष किया जावे।

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