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ट्रेन नही तो वोट नही 2023 के कोटा विधानसभा चुनाव का पूर्ण बहिष्कार, चुनावीसाल में नगर संघर्ष समिति कोटा ने खोला मोर्चा

ठा. प्रेम सोमवंशी (कोटा) चुनावी वर्ष में करगीरोड रेलवे स्टेशन में एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनो के ठहराव का मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है।यात्री ट्रेनो के स्टॉपेज को लेकर कोटा नगर संघर्ष समिति ने एक बार फिर से मोर्चा खोल दिया है। “ट्रेन नही तो वोट नही 2023 के कोटा विधानसभा चुनाव के मतदान का पूर्ण बहिष्कार के नारे सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म व्हाट्सप फेसबुक ट्विटर इंस्टाग्राम में वायरल हो रहा है सप्ताह के हर रविवार को नगर संघर्ष समिति के बैनर तले स्टेशन से लेकर जय स्तंभ नाका चौक तक नगरवासियों के द्वारा पैदल मार्च निकाला जाने लगा है।जिसमे की कोटा नगर का हर वर्ग जुड़ते जा रहा है।

सप्ताह के दूसरे रविवार को आज काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे। शांतिपूर्ण तरीके से किए जा रहे इस पैदल मार्च को लोगो का भरपूर जनसमर्थन मिल रहा है। राजनीतिक दलों के नेताओं पदाधिकारी व स्थानीय जनप्रतिनिधियो ने पैदल मार्च से बनाई दुरी। चुनावी वर्ष में दोनों दलों में है दावेदारों की भरमार मार्च 2020 कोविड-19 के संक्रमण कॉल के बाद से करगीरोड स्टेशन में रुकने वाली 10 एक्सप्रेस, पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव पूरी तरह रेलवे बोर्ड द्वारा बंद किया जा चूका है कोविड-19 के संक्रमण कम हो जाने के साथ वेक्सिनेशन की प्रक्रिया के बाद भी करगीरोड रेलवे स्टेशन में पूर्व की तरह एक्सप्रेस, पैसेंजर यात्री ट्रेनों का ठहराव रेलवे बोर्ड के द्वारा अब तक शुरू नही किया गया है। जबकि बंद हुए एक्सप्रेस-पैसेंजर यात्री ट्रेनो का परिचालन करगीरोड स्टेशन से जारी है कोयले से भरी मालगाड़ियों का ठहराव व परिचालन करगीरोड स्टेशन में अनवरत जारी है। यात्री ट्रेनो की अपेक्षा।

आंदोलन के 01-साल बाद भी एक्सप्रेस-पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव नही हुआ शुरू चुनावी साल में गरमाएगा मुद्दा——

13 सितंबर 2021 से 14 दिसंबर 2021 तक ट्रेनो के ठहराव को लेकर चले ज्ञापन सांकेतिक धरना प्रदर्शन रेल रोको आंदोलन तक करने वाली कोटा नगर संघर्ष समिति के लंबे आंदोलन के बाद भी रेलवे मंत्रालय रेलवे बोर्ड के मातहतों सहित रेलवे जोन बिलासपुर के डीआरएम जीएम के अवगत होने के बाद भी ट्रेनो का ठहराव आज की तारीख तक शुरू नही हो पाया।  हजारो की संख्या में शामिल आंदोलन कारियों में से रेलवे ने केवल 08 युवाओ पर अपराध पंजीबद्ध करते हुए 01 लाख का जुर्माना भी लगाया मामला अभी रेलवे कोर्ट में विचाराधीन है। इस मामले के दौरान 08 आंदोलन कारीयो में से 01 आंदोलनकारी शुभम गुप्ता (नॉटी) की एक हादसे में मृत्यु भी हो चुकी है। आंदोलन का कुछ हद तक असर भी हुआ। जिसके कारण आनन फानन में रेलवे बोर्ड को कटनी डेमू व बिलासपुर शहडोल को शुरू करना पड़ा।

शुरूवाती आंदोलन में बिलासपुर सांसद सहित विधायक की उपस्थिति रही, रेल रोको आंदोलन से लेकर अब तक है दोनों के दोनों नदारद,,,

कोटा नगर संघर्ष समिति के आंदोलन को कोटा नगर सहित आसपास के लगे ग्रामीण इलाकों के लोगो के भरपूर संख्या में जनसमर्थन प्राप्त था। शुरुवाती आंदोलन के दौरान कोटा संसदीय क्षेत्र के बिलासपुर सांसद व वर्तमान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव व कोटा विधायक श्रीमती डॉ.रेणु जोगी सहित कोटा नगर के राजनीतिक दलों के नेताओं सहित स्थानीय जन प्रतिनिधियों का भरपूर समर्थन प्राप्त हुआ पर जैसे सांकेतिक धरना प्रदर्शन रेल रोको में तब्दील हुआ सांसद विधायक सहित राजनीतिक दलों के नेताओं सहित व स्थानीय जनप्रतिनिधि नदारद रहे…08 लोगो के खिलाफ हुए अपराध पंजीबद्ध व 01 लाख रूपए के जुर्माने के बाद से नगर सँघर्ष समिति के आंदोलन कुछ दिनों तक शांत रहा इस बीच यात्री ट्रेनो को लेकर कांग्रेस पार्टी व उनके नेताओं कार्यकर्ताओ के द्वारा रेलवे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया। प्रदेश के कद्दावर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल द्वारा जिला कलेक्टर के समक्ष बिलासपुर डीआरएम के सामने रेलपटरी में खाट डालकर बैठने की बात कही गई पटरी आज भी खाट का इंतजार कर रही है।

इस बीच जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केसरवानी के द्वारा करगीरोड स्टेशन सहित बेलगहना सल्का टेंगनमाडा खोंगसरा के स्टेशन मास्टर को ज्ञापन सौंपा। धरना प्रदर्शन किया, वर्तमान कृषि मंडी अध्यक्ष संदीप शुक्ला द्वारा भूख-हड़ताल भी किया..2019-के लोकसभा  प्रत्याशी रहे अटल-श्रीवास्तव के द्वारा यात्री ट्रेनो को लेकर पूछे गए सवाल को लेकर वर्तमान बीजेपी सांसद अरुण साव की अर्थी निकाले जाने की बात भी कही थी, कुछ समय बाद वर्तमान बीजेपी-सांसद जो की अब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बन चुके है, उनकी अनुपस्थिति में उनके निवास का घेराव जरूर किया गया था..कोयले से भरी मालगाड़ियां रोके जाने की बात भी कांग्रेस के नेताओ द्वारा कहि गई थी।

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