
कोटा – अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भारत सरकार के प्रोटोकॉल के अनुसार शासकीय निरंजन केशरवानी महाविद्यालय कोटा में एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग की थीम के साथ राष्ट्रीय सेवा योजना एवं यूथ रेडक्रास सोसायटी एवं क्रीड़ा विभाग के संयुक्त तत्वाधान में सामूहिक योग कार्यक्रम आयोजित किया गया।

प्राचार्य एवं संरक्षक डॉ. नाज़ बेंजामिन ने बताया कि योग शारीरिक आरोग्य और विचारों की शुद्धता का श्रेष्ठ माध्यम है. योग एक आध्यात्मिक प्रकिया है जिसमें बेहतर स्वास्थ्य के लिये शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम होता है. मुख्य योग प्रशिक्षक डॉ. सपना पवार एवं क्रीड़ाधिकारी राजेश सिंह के मार्गदर्शन में योगासन, प्राणायाम एवं ध्यान सहित विभिन्न योग मुद्राओं का अभ्यास किया गया. सर्वप्रथम नमस्कार मुद्रा में ध्यानस्थ होकर प्रार्थना की गई. शिथिलीकरण के पश्चात योगासन के अन्तर्गत ताडासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्धचक्रासन, त्रिकोणासन, वज्रासन, उष्ट्रासन, मण्डुकासन, भुजंगासन, मक्रासन, उत्तानपादासन, पवनमुक्तासन एवं शवासन किया गया. इसके पश्चात प्राणायाम के अन्तर्गत अनुलोम विलोम, कपालभाती, भ्रामरी, शीतली, उज्जाई, एवं भस्त्रिका प्राणायाम किया गया. इनके साथ ही योग की विभिन्न मुद्राओं प्राण मुद्रा, अपान मुद्रा, ब्यान मुद्रा, ज्ञान मुद्रा, अपानवायु मुद्रा का अभ्यास किया गया।

वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. सपना पवार ने बताया कि योग से न केवल नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है बल्कि मानसिक एवं भावनात्मक संतुलन भी प्राप्त होता है. कार्यक्रम अधिकारी शितेष जैन ने बेहतर स्वास्थ्य, मानवता और समाजसेवा के लिए सभी से योग किए जाने की अपील करते हुए बताया कि जीवन में उर्जा के संचार के लिये योग आवश्यक है. रेडक्रॉस प्रभारी डॉ. संजू पाण्डेय ने बताया कि योग आत्मविश्वास देता है और मानसिक शक्ति को बढ़ाता है. क्रीड़ा अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि योग से न केवल शरीर स्वस्थ होता है बल्कि कार्यक्षमता एवं एकाग्रता में भी वृद्धि होती है. आधुनिक जीवन शैली में योग नितांत आवश्यक है. इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को सफल बनाने हेतु महाविद्यालय के प्राध्यापक, कर्मचारी एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक उपस्थित रहे।