
शेखर बैसवाड़े (नेवसा) छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलो में पिछले 15 वर्षों से 43301 अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कार्यरत हैं। स्कूलों में 2 घंटे काम करना निर्धारित है परंतु अधिकांश स्कूलों में चपरासी, भृत्य का पद रिक्त होने के कारण पूरा दिन स्कूलों में काम करना पड़ता है।
कई स्कूलों में 2 घंटे के काम को पार्ट पार्ट में कराए जाने के कारण अन्य जगह मजदूरी करने नहीं जा पाते हैं। काम के एवज केवल प्रति माह 3000 से ₹3100 मानदेय भुगतान किया जाता है। जो कि इस महंगाई भरे दौर में इतने कम रुपए में अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर पाते हैं कर्ज लेकर जीवन व्यतीत करने को मजबूर रहते हैं। संघ की मांग पूर्णकालीन कलेक्टर दर पर वेतन भुगतान किए जाने को लेकर कांग्रेस पार्टी के द्वारा मांगे पूरी करने की बात कही गई थी। जो की पूरी नहीं कर पाई थी। अथवा
विधानसभा चुनाव के पूर्व भारतीय जनता पार्टी के द्वारा संघ की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था जो की सरकार बने लगभग 18 माह हो चुका है उसके बाद भी संघ की मांगे पूरी नहीं हुई है। मांगे पूरी नहीं होने पर कर्मचारियों में रोजी-रोटी की समस्या से जूझना पड़ता है। इसलिए कर्मचारी सदस्यों में सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त है।
वहीं दूसरी ओर युक्ति युक्त करण के तहत एक शाला दूसरे शाला में मर्ज किया जाएगा। ऐसी स्थिति में स्कूल सफाई कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे 15 साल स्कूलों सेवा देने के बाद कर्मचारियों की उम्र 40 से 50 वर्ष हो चुकी है अब कर्मचारियों दूसरी नौकरी में फॉर्म भरने का उम्र भी पार हो चुका है कहीं भी नौकरी नहीं मिलेगी। जिससे की कर्मचारियों का बेरोजगार होना तय है।
इसलिए स्कूल सफाई कर्मचारी संघ संघ की मांग पूर्णकालिक कलेक्टर दर पर वेतन भुगतान किया जाए और युक्ति युक्तकरण ना किया जाए।
इन मांगों को लेकर 03 चरणों में हड़ताल आवाज कर चुके हैं। 2 जून को छत्तीसगढ़ के समस्त ब्लॉक मुख्यालय, 6 जून को छत्तीसगढ़ के समस्त जिला मुख्यालय में धरना देकर मुख्यमंत्री, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, संचालक लोक शिक्षण संचालनालय के नाम पर ज्ञापन सौंपेंगे।
10 जून तक मांगे पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल में जाने के लिए बाध्य हो जाएंगे।