
शेखर बैसवाड़े (नेवसा) छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में 15 वर्षों से 43301 स्कूल सफाई कर्मचारी कार्यरत हैं काम के एवज में प्रतिमाह 3000 से 3400 रुपए मानदेय भुगतान किया जाता है। महंगाई भरे दौर में इतने कम रुपए में परिवार को नहीं चला पाते हैं हम कर्ज के सहारे जीवन यापन करने को मजबूर रहते हैं इन सभी बातों को लेकर विधानसभा 2023 के चुनाव के पूर्व मे विष्णु देव साय जी और गोमती साय जी ने हमारी समस्याओं का गंभीरता पूर्वक लेते हुए भारतीय जनता की सरकार बनते ही हमारी 50% वेतन वृद्धि का वादा किया था तथा संघ की मांग पूर्णकालिक कलेक्टर दर को भी पूरा करने का वादा किया गया था।
चुंकि 2025 26 मार्च के बजट में मोदी गारंटी 50% और संघ की मांगों को पूरा नहीं किए जाने पर संघ में आक्रोश व्याप्त है ₹3000 में किसी का घर परिवार नहीं चल पाता है।
वहीं दूसरी ओर 90% स्कूलों में भृत्य, चपरासी नहीं होने के कारण,उनके सभी कामों को स्कूल सफाई कर्मचारियों से लिया जाता है जिसके चलते कर्मचारी अन्य जगह काम करने भी नहीं जा पाते पूरा दिन स्कूलों में व्यतीत हो जाता है। मजदूरी दर कम होने के कारण परिवार चलाने में समस्या होती है कर्ज के सहारे जीवन यापन करने को मजबूर होना पड़ता है, अपने बच्चे और परिवार को अच्छी स्वास्थ्य और शिक्षा उपलब्ध नहीं कर पाते हैं।
इसलिए 9 मार्च को रायपुर कलेक्टर पार्क में प्रदेश स्तरीय बैठक का आयोजन किया जाएगा। जिसमें आगे की रणनीति तैयार करते हुए कलेक्टर दर पर वेतन भुगतान दें या इस्तीफा स्वीकार करें इन मांगों को लेकर सहमति बनाई जाएगी।