
जीपीएम :
एकता परिषद के केंद्रीय नेतृत्व के आवाहन पर 10 दिसंबर को विश्व मानव अधिकार दिवस के अवसर में एकता परिषद के जिला समन्वयक धर्मेंद्र पुरी के नेतृत्व में जोरनटोला विकासखंड मरवाही में विशाल जनसभा का आयोजन हुआ। जिसमें वन अधिकार अधिनियम के तहत आदिवासी एवं अन्य परंपरागत वन निवासियों को 13 दिसंबर 2005 के पूर्व वन भूमि में काबिज जमीन का वन अधिकार पत्र देने का प्रावधान इस कानून में किया गया है लेकिन शासन प्रशासन के द्वारा सही क्रियान्वयन नहीं होने के कारण कई आदिवासी पीड़ित,वंचित, शोषिण समुदाय के लोगों को आज पर्यंत तक वन पट्टा से वंचित है इसके सही क्रियान्वयन के लिए विचार विमर्श कर रणनीति बनाकर जिला कलेक्टर गौरेला पेंड्रा मरवाही के माध्यम से राज्यपाल छत्तीसगढ़ शासन एवं मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन को के नाम ज्ञापन देकर निराकरण करने के लिए मांग पत्र सौपा जाएगा। इसके अलावा शासन के विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाएं से लोग आज भी सही क्रियान्वयन नहीं होने से लोग आज भी वंचित है एवं महिला भूमि अधिकार के तहत महिलाओं को भी किसान का दर्जा दिया जाए तथा महिलाओं के आजीविका को सुनिश्चित करने का कार्य सरकार करें एवं ग्राम सभा को सशक्त बनाने के विषय में भी चर्चा किया गया जिसमें जिला के सैकड़ो महिलाएं एवं पुरुषों ने भाग लिया शासन प्रशासन को संवेदनशील बनाने के लिए ज्ञापन के माध्यम से आवेदन देने निर्णय लिया गया इस सभा में प्रमुख रूप से सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग जिला अध्यक्ष मनीष धुर्वे तुमलेश नेटी, पूनम धुर्वे सविता मरावी, मोहन मरावी रामाधार, रामकली, भद्ररकुवर, अन्य सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।
