
कोटा – ग्राम पथर्रा में प्रस्तावित महावीर कोल वासरी की यूनिट शुरू करने के विरोध में बैठे ग्रामीणों के ऊपर अचानक भरभराकर दीवार गिर गई जिससे वहां मौजूद 5 ग्रामीण घायल हो गए। जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोटा में भर्ती कराया गया।

मिली जानकारी के अनुसार महावीर कोलवाशरी यूनिट शुरू करने के विरोध में बैठे हुए थे उसी दौरान तेज आंधी तूफान के साथ बारिश होने लगी। आंधी बारिश के बीच भी ग्रामीण हड़ताल स्थल पर डटे हुए थे। इसी बीच धरना स्थल के पीछे की दीवार भरभराकर ग्रामीणों के ऊपर गिर गई। जिससे वहां मौजूद 5 ग्रामीण घायल हो गए।

धरना स्थल पर मौजूद ग्रामीणों व पुलिस की टीम से तत्काल घायल हुए ग्रामीणों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया।
घायलों में 1. आलोक गोस्वामी पिता जीतेन्द्र उम्र 18 साल निवासी पथर्रा
2. अनुराग गोस्वामी पिता जीतेन्द्र उम्र 16 साल निवासी पथर्रा
3. बजरहा केंवट पिता जोहन उम्र 42साल निवासी खरगहनी
4. कमल गोंड पिता मुड़िया उम्र 65 साल निवासी खरगहनी
5. शंकर यादव पिता मालिकराम उम्र 44 साल निवासी घायल हुए थे जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोटा से डिस्चार्ज कर दिया गया है।

10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं ग्रामीण
कोल वासरी की जनसुनवाई पहले ही प्रशासन ने निरस्त कर दी है। करीब 10 सूत्रीय मांगों को लेकर ग्रामीणों ने रेलवे क्रासिंग के पास अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन कर रहे है। एसडीएम को सौंपे गए ज्ञापन में ग्राम पंचायत पथरी, खरगहनी, खरगहना, कलमीटार, गोपालपुर, मोहनभाठा समेत करीब 10 से अधिक पंचायतों के ग्रामीणों ने कहा है कि महावीर कोल वासरी की यूनिट स्थापना के लिए आदिवासियों की जमीन गलत तरीके से खरीदी गई है। इसके साथ ही ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए बिना ही कोल वासरी संचालक द्वारा खरगहनी, कलमीटार, खरगहना और पथर्रा की शासकीय भूमि को कब्जे में लेकर बाउंड्रीवाल और रेलवे साइडिंग के लिए अवैध निर्माण किया जा रहा है। इसकी शिकायत 30 मई को कलेक्टर से की गई थी, कलेक्टर ने मामले की जांच करने और अवैध निर्माण करते पाए जाने पर दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जांच कोटा एसडीएम को दी गई है। जांच के लिए जो प्रक्रिया अपनाई गई है वह गलत है। अलग तरीके से की जा रही जांच के बदले उच्च स्तरीय जांच करने की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक निष्पक्ष जांच नहीं हो जाती और दोषी अधकिाकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती तब तक ग्रामीणों का धरना जारी रहेगा।