सुर्खियां

सेवा एक नई पहल संस्था ने शासकीय प्राथमिक शाला धनरास में खिलौना घर निर्माण के लिए खिलौने किया प्रदान

ठा. प्रेम सोमवंशी (कोटा) सेवा एक नई पहल संस्था ने शासकीय प्राथमिक शाला धनरास में खिलौना घर निर्माण के लिए खिलौने प्रदान किए शिक्षिका श्रीमती दीप्ति दीक्षित के प्रयास से बच्चों को यह खिलौने प्राप्त हुए। मैडम के द्वारा खिलौनों के माध्यम से बच्चों को बहुत ही रोचक एवं आनंददाई तरीके से खेल खेल में शिक्षा प्रदान की जाती है जिसके लिए वे पिछले कई वर्षों से इस तकनीक का उपयोग कर रही हैं इन्होंने अपने पूर्व विद्यालय में भी खिलौना घर का निर्माण किया था जिसका आनलाइन प्रस्तुतीकरण इन्हें प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला सर के समक्ष करने का अवसर  प्रदान हुआ था।


सेवा एक नई पहल संस्था की संयोजिका श्रीमती रेखा आहूजा जी से इन्होंने अपने विद्यालय प्राथमिक शाला धनरास में खिलौना घर निर्माण कर बालवाड़ी तथा कक्षा पहली एवं दूसरी के बच्चों को खेल खेल में शिक्षा देने हेतु खिलौनों का सहयोग मांगा जिससे बच्चे खेल खेल में ही पढ़ाई कर सकें और उन्हें विषय वस्तु बोझिल ना लगे मैम सहर्ष तैयार हुई और उन्होंने अपने पूरे टीम के सहयोग से विद्यालय में खिलौना घर निर्माण हेतु बहुत से खिलौने प्रदान किए। इन खिलौनों को संस्था के संस्थापक श्री सतराम जेठमलानी जी एवं सक्रिय सदस्य श्री महेंद्र माखीजा जी के द्वारा विद्यालय को प्रदान किया गया, साथ ही उन्होंने बच्चों को 25 छतरी कॉपी पेन पेंसिल भी प्रदान किया। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्रीमती सोनाक्षी यादव जी, संपर्क फाउंडेशन के जिला समन्वयक श्री अविनाश पांडे जी, संकुल शैक्षिक समन्वयक एवं प्रधान पाठक श्री देवव्रत मिश्रा, श्री भोजेश्वर रजक,  श्रीमती दीप्ति दीक्षित, श्री मनोज कुमार भारतद्वाज एवं पालक गण उपस्थित थे।


शिक्षिका के द्वारा स्वयं  100 से अधिक खिलौने बनाए गए हैं जिन्हें वे अध्यापन के दौरान सहायक शिक्षण सामग्री के रूप में उपयोग करती हैं और बच्चों को भी इन खिलौनों को बनाना सिखाती हैं जिससे बच्चे स्वयं इन्हें बना सके और उपयोग कर सके। इनके द्वारा बनाए गए खिलौने ज्यादातर कबाड़ से जुगाड़ के माध्यम से बने होते हैं जो बहुत ही कम खर्च में तथा बहुत उपयोगी होते हैं इन्होंने फिलफिली ,मुखोटे, पजल, बोर्ड गेम,डफली, डमरू, भोंपू,ऑरिगामी , फलों तथा सब्जियों की आकृतियां, कठपुतलियां, विज्ञान से संबंधित खिलौने  बनाए है , संकुल ,विकास खंड एवं संभाग स्तर पर भी इन्होंने शिक्षकों को इन खिलौनों को बनाने तथा उन्हें उपयोग करने का प्रशिक्षण दिया है कि कैसे इन खिलौनों के माध्यम से बच्चे खेल खेल में एवं आसानी से सीखते हैं तथा उनमें भाषाई और गणितीय कौशलों का विकास होता है। छोटे बच्चों को हमेशा खिलौनों से खेलना बहुत पसंद होता है और शिक्षिका इसी तकनीक का उपयोग कर बच्चों को शिक्षा देती हैं। बच्चों को उनका यह तरीका बहुत पसंद आता है और वे हमेशा शिक्षिका को घेरे रहते हैं ।


शिक्षिका श्रीमती दीप्ति दीक्षित का कहना है कि उनके इस कार्य में प्रधान पाठक श्री देवव्रत मिश्रा एवं शिक्षक श्री मनोज भारद्वाज सर के द्वारा भी सहयोग प्रदान किया जाता है तथा खिलौनों के निर्माण से लेकर रखरखाव तक सभी एक दूसरे का सहयोग करते हैं जिसके कारण ही वे विद्यालय में इस प्रकार की नवाचारी गतिविधियां  कर पाती हैं।

Back to top button
error: Content is protected !!