
ठा. प्रेम सोमवंशी (कोटा) कोटा विकासखंड ग्राम करका में प्रेरक समिति Both Ends के संयुक्त तत्वावधान में वनाधिकार अधिनियम के तहत अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस अवसर पर जंगल के जतन पर महिलाओं की भागीदारी पर कार्यक्रम का आयोजन रखा गया।

उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री मनोहर लाल ध्रुव ब्लाक सरपँच संघ अध्यक्ष कोटा ,कार्यक्रम के अध्यक्षता श्री मति रेवती भानुसरपँच ग्राम पंचायत करका, विशिष्ट अतिथि श्री मती सुरुचि परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास विभाग कोटा, पल्वी सुपरवाइजर महिला बाल विकास विभाग कोटा ,उमराज सिंह सरपंच कंचनपुर,
के द्वारा माँ सरस्वती के प्रतिमा में दिप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का सुभारम्भ किया गया।

उद्बोधन की कड़ी में
मुख्य अतिथि मनोहर ध्रुव जी ने उन्होंने सामुदायिक वनाधिकार पर फोकस कर कहा की वन अधिकार की मान्यता अधिनियम 2006 व नियम 2007 संशोधित नियम 2012 के तहत सामुदायिक वनाधिकार है,जिसके तहत धारा 5 को परिभाषित करते हुए नियम (क )(ख) (ग)( घ) पर विस्तार पूर्वक वर्णन करते हुए इस कानून के तहत 4 प्रकार के अधिकारों को बताया गया जिसमें ब्यक्तिगत वनाधिकार, सामुदायिक वनाधिकार, सामुदायिक वन संसाधन अधिकार व विकास के लिए अधिकार प्राप्त किया जा सकता है , सामुदायिक दावा प्रारम्भ करने के लिए ग्राम पंचायत द्वारा प्रत्येक मजरा,टोला, पारा स्तर पर ग्राम सभा आहूत की जावेगी ,साथ ही ग्राम सभा की गणपूर्ति ग्राम सभा के 50%से होगी जिनमे एक तिहाई महिलाएं होना अनिवार्य है। जिसके साथ ही प्राकृतिक संसाधनों ( जल जंगल,जमीन, का प्रबंधन /संरक्षण / संवर्धन करना हम सभी की जिम्मेदारी है।

उद्बोधन की कड़ी में नारी के अनेको रूपो का परिचय देते हुए कहा कि नारियों की भूमिका हर जगह है उन्हें कमजोर व अबला नही समझना चाहिए घर के कार्यो से लेकर जंगल के जतन एवम वन संशाधनों के सुरक्षा उपयोग का भार भी उन्हीं के कंधे पर है महिलाये आगे आकर अपने जल जंगल व जमीन को बचाने मैदान में दृढ़ संकल्प के साथ उतर गई है जिससे कि जंगल की सुरक्षा सम्भव हो सकेगा उन्होंने महिलाओं को संसार का मूलाधार बताते हुए कहा कि राम कृष्ण बुद्ध विवेकानंद जैसे महा पुरुषों की जन्म दात्री नारी ही है इसलिये नारी शक्ति महान है जरूरत है इन्हें आगे बढ़ने के लिए अवसर देने काशासन के द्वारा कुटीर उद्योगों के लिए महिला समूहो को लोन दिया जा रहा जिससे कि महिलाये आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सके।

विशिश्ट अतिथि श्री मती सुरुचि परियोजना अधिकारी ने अपना विचार प्रगट करते हुए कहा कि स्वस्थ व मजबूत समाज का निर्माण करने में महिलाओं की अतुलनीय भूमिका है इसलिए नारी शिक्षा पर विशेष ध्यान देने चाहिये लड़का लड़की में भेद न रखते हुए उनके शिक्षा दीक्षा पालन पोषण पर समानता का ब्यवहार अपनाना जरूरी है उन्होंने बाल शिक्षा शिशु स्वास्थ जिसके तहत कुपोषित बच्चों को महिला व बाल विकास विभाग दवारा चलाये जाने वाले सुपोषण अभियान से जुड़कर उनके कमजोर शरीर को मजबूत व शुपोसित बनाने महिलाओं को सहयोग करने आह्वान किया।उन्होंने कहा सृष्टि का सृजन में मातृ शक्तियों की अहम भूमिका है वे जीवन का मूल आधार है इसलिये हम सभी को नारियो का सम्मान करते हुये उन्हें आगे बढ़ने का अवसर देना चाहिए उन्होंने ,बाल विवाह बाल श्रम व महिला घरेलू उत्पीड़न हिंसा पर भी अपना विचार ब्यक्त किये

उध्बोधन की कड़ी में पल्लवी जी ने नारी शसक्तीकरण को हमे अधुनिकता के साथ जोड़कर नही देखना चाहिए नारी शसक्त तभी होगी जब उन्हें घर परिवार समाज मे समान रूप से महत्वपूर्ण विषयो पर निर्णय लेने के अधिकार हो । महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए समाज में आगे आने की आवश्यकता हमें समाज में स्वयं को दिखाना होगा की आत्मनिर्भर बनने हेतु क्या क्या करना होगा हमें अपने परिवार के साथ रहकर समाज निर्माण में सहयोग प्रदान करना होगा। उद्बोधन की कड़ी में श्री उमरज सिंह ने ग्राम के समस्त विकास कार्यो में महिलाओं की भूमिका को अति आवश्यक बताते हुए कहा कि ग्राम के छोटी छोटी समस्याओं से लेकर बड़ी समस्याओं की निराकरण करने में ग्राम की महिला समूह के माध्यम से अपना सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं। महिला दिवस को ऐतेहासिक दिवस बताते हुए सम्बोधित किया कि महिला दिवस रोज मनाना चाहिए हमे अपने परिवार से लेकर समाज तक महिलाओ का सम्मान करना चाहिए आवश्यक निर्णय लेने में उनकी भागीदारी होना जरूरी है।

प्रेरक समुदाय प्रशिक्षक श्री अमृका साहू ने अपने उदबोधन में कहा कि सृष्टि के निमार्ण में नारी शक्ति की महत्वपूर्ण योगदान है आज महिलाये हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं , जंगल की जतन में महिलाओं की अहम भूमिका है जंगलो की प्रबंधन एवं इसकी देख रेख आपस मे सभी को मिल जुलकर करना होगा , जंगलों से मिलने वाले वनोपज को सहेज कर रखना होगा , विलुप्त हो रहे वनोपज को पुनः स्थापित करने के लिए हम सभी को मिलकर उन्हें बीज रोपित कर अपने जंगलों को सवरना होगा तभी हम अपनी जंगल को बचा सकते है , उन्होंने उपस्थित नारी शक्ति से अपील की । संस्था के कार्यकर्ता ओम्कारेश्वर शर्मा ने अपने उदबोधन में कहा कि किसी भी स्वस्थ समाज की परिकल्पना नारी शक्ति के बिना नही की जा सकती क्योंकि परिवार में महिला ही माँ के रूप में अपने बच्चों को संस्कार देती है इसीलिए माता को प्रथम गुरु माना गया है।
इतिहास गवाह है कि दुष्ट दैत्यों का संघार करने में नारी सकती ही सक्षम थी अतः हमें नारी को अबला नही समझना चाहिए बल्कि उनके साथ समानता का ब्यवहार करते हुए आगे बढ़ने का अवसर देना आवश्यक है।
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम आयोजन करने का महिलाओं एवम समाज में काफी अच्छा प्रभाव पड़ा है पुरुष प्रधान समाज मे आज भी महिलाओं को अपेक्षित समानता का अधिकार नही मिल पा रहा है अहम रचनात्मक निर्णयों में भी उनकी सहभागिता नही हो पा रहा। इस अवसर पर महिलाओं के हुनर को एक दूसरे से साझा करके महिला सशक्तिकरण की मुहिम को तेज किया गया ।कार्यकर्ता शारदा साहू ने जल जंगल जमीन पर फोकस करते हुए जंगल में महिलाओं की भूमिका पर फोकस करते हुए महिलाओं को जंगल से मिलने वाले वनोपजों पर लाभों के लिए आर्थिक रूप से सक्षम होने आजीविका से जुड़ने की बात कही गई ।
ग्राम पंचायत करका कमलेश्वर भानु ने कार्यक्रम में आये अतिथियों का आभार व्यक्त किया ।
संस्था के कार्यकर्ता श्री मती शारदा साहू व ओमकारेश्वर शर्मा ने सफल संचालन करते हुए। कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना सरहानीय योगदान दिए। उक्त कार्यक्रम में महिला बाल विकास विभाग से श्री मती सुरुचि, महिला बाल विकास सुपरवाइजर ,हबिबुन निशा, मीना पोया,गुलेश्वरी देवी ,शिव शर्मा, अमृता भानु,,सतरूपा मरावी,शकुन बाई ,निशा बानो ,भुनेश्वर , धनमान सिंह, रामेश्वरी, रामबाई,अंजनी,जगत,ममतायादव ,दुर्गा,भानु,उमा ध्रुव,
लक्ष्मीबाई, अहिल्या, रजनी, श्वेता, राजकुमारी यादव, ललिता यादव, रूखमणी उमा, रामबाई, बसन्ती राजपूत, सुमन, तुलसी,सुरेखा, किरण चंद्रकली अचला बाई, । कार्यक्रम में ग्राम,डिडौल बांसाझाल,करपिहा ,छिरहापारा ,धुमा,धनराश , तिलैयापारा, करका, केवरा पारा, जोगीपुर, छिरहा पारा, साल्हे डबरी , बरर, रतखंडी, कंचनपुर, नेवसा, करगी कलां,की महिला समूहों ,स्वास्थ मितानिन ,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल हुए। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रेरक संस्था राजिम के फील्ड ऑर्गनाइजर ओम्कारेश्वर शर्मा ने किया | महिला दिवस के पावन अवसर पर उपस्थित महिलाओं को संस्था द्वारा श्रीफल से सम्मानित किया गया।