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जनजाति नायकों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की पीढिका तैयार की:-डॉ चंद्रशेखर सिंह

राहुल यादव (लोरमी/मुंगेली) शासकीय महाविद्यालय कोतरी में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति नायकों का योगदान  विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का उद्देश्य आज की पीढ़ी को जनजाति नायकों के संघर्षों की गाथा बताकर प्रेरणा देना था। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में शासकीय महाविद्यालय घरघोड़ा के विभागाध्यक्ष हिंदी डॉ चंद्रशेखर सिंह सर तथा अतिथि के रुप में श्री बीपी साहू तथा श्री नितेश साहू उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के आरंभ में संगोष्ठी के संयोजक श्री कृष्ण कुमार जायसवाल तथा महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा मुख्य वक्ता एवं अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया। इसके पश्चात समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष श्री मुकेश जोगी द्वारा कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम के संरक्षक तथा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ डीएस मिश्रा सर ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ तथा देश के कोने-कोने के जनजातीय नायको का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस संगोष्ठी के अभ्यागतों श्री बी पी साहू तथा श्री नितेश साहू ने भी सभा को संबोधित करते हुए जनजाति नायकों की प्रेरणापद जीवन गाथा  प्रस्तुत किया ।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ चंद्रशेखर सिंह सर ने अपने वक्तव्य में छात्र-छात्राओं को जनजाति नायकों के संघर्ष की गाथा से प्रेरणा लेने की बात कही। उन्होंने बताया कि जनजातियों के संघर्ष एवं त्याग की अनेक लोक कथाएं आदिवासी समाज में प्रचलित हैं जिन्हें वर्तमान पीढ़ी तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। जननायकों ने स्वयं को बलिवेदी पर चढ़ाकर हमें खुश रहने का अवसर प्रदान किया है। इसलिए इस आजादी के महत्व को समझना और आजादी को बरकरार रखना हमारी जिम्मेदारी बनती है। कार्यक्रम का संचालन डॉ कल्पना अभिषेक पाठक द्वारा तथा आभार प्रदर्शन श्री कृष्ण कुमार जायसवाल द्वारा किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ डीके पांडे डॉ किशोरी पटेल डॉ हेमंत कश्यप श्रीमती शुभ्रा विलियम्स सुश्री मनीषा कुर्रे अर्पिता दुबे साधना राजपूत माधुरी कश्यप राहुल यादव सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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