
राहुल यादव (लोरमी/मुंगेली) केंद्र सरकार के ऊपर आरोप लगाते हुए केस शिल्पी कल्याण बोर्ड के सदस्य धनुष सेन ने कहाँ भारत देश की 70%जनसंख्या गांवों में निवास करती है लेकिन बजट में गरीब जनता के लिए कुछ भी खास नहीं है जनता बेरोजगारी और महंगाई से थक चुकी है परंतु बेरोजगारी और बढ़ती हुई महंगाई का बजट में कोई जिक्र नहीं किया गया है। आम जनता ने बहुत सारी उम्मीदें लगाई थी पर भारत देश की जनता के मंसूबों पर पानी फिर गया है। शिक्षा बजट को 2.64से घटाकर 2.5करना इस बात का प्रमाण है कि देश में बेरोजगारी और महंगाई अभी और बढ़ेगी। देश में शिक्षा की कमी लोगों को बेरोजगार बनाकर देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा आघात पहुंचाने का काम करती है। किसानों और मजदूरों के लिए कुछ भी नहीं है। कुल मिलाकर देश को फिर से गुलाम बनाने की साजिश रची जा रही है, बजट के माध्यम से। बजट के नाम पर आम जनता को छला गया है लोगों के लिए यह बजट विष से भी घातक साबित होता दिखाई दे रहा है।