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वनाधिकार अधिनियम पर कंचनपुर में एक दिवसीय जिला स्तरीय सम्मेलन का हुआ आयोजन ….

मनमोहन सिंह राजपूत (खैरा)…. कोटा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत कंचनपुर में पेशा कानून अधिकार से रूबरू करने एक दिवसीय जिला स्तरीय वनाधिकार अधिनियम कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि सुमन्त जायसवाल,मनोहर लाल धुर्व सरपंच संघ अध्यक्ष कोटा के दवारा सँयुक्त रूप से माँ सरस्वती के प्रतिमा में माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित करके किया गया।


सर्वप्रथम बाल कलाकारों के द्वारा आदिवासी पारंपरिक नृत्यकी मनोरम प्रस्तुति की गई । मुख्य अतिथि सुमन्त जायसवाल ने अपने उदबोधन में कहा कि पेसा कानून हम आदिवासियों के लिए वरदान है ,उन्होंने उपस्थित लोगों को अवगत करते हुए कहा की हमारे कोटा विकासखण्ड क्षेत्र के 85 पंचायतों में पेसा कानून लागु की गई है पेसा कानून के अंतर्गत ग्राम सभा की संरचना , शक्ति एवं कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालते हुए प्रत्येक ग्राम व ग्राम सभा को अनिवार्य होगा इससे गाँव के सभी महिला पुरुष की भागीदारी होना आवश्यक है , प्रत्येक ग्राम सभा में अध्यक्ष का चुनाव किया जाना सुनिश्चित करना होगा ।जिसमें ग्राम सभा में 2 कार्यकारी समितियां रहेगी 1 संसाधन योजना और प्रबंधन समिति (RPMC), 2.शांति एवं न्याय समिति, ग्राम सभा द्वारा तय कर निर्माण किया जाना है, समिति के कार्यो पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मनोहर सिंह ध्रुवे ने दुरांचल क्षेत्र से शामिल लोगो को संबोधित करते हुए उन्होंने सामुदायिक वनाधिकार पर फोकस कर कहा की वन अधिकार की मान्यता अधिनियम 2006 व नियम 2007 संशोधित नियम 2012 के तहत सामुदायिक वनाधिकार है,जिसके तहत धारा 5 को परिभाषित करते हुए नियम (क )(ख) (ग)( घ) पर विस्तार पूर्वक वर्णन करते हुए इस कानून के तहत 4 प्रकार के अधिकारों को बताया गया जिसमें ब्यक्तिगत वनाधिकार, सामुदायिक वनाधिकार, सामुदायिक वन संसाधन अधिकार व विकास के लिए अधिकार प्राप्त किया जा सकता है , सामुदायिक दावा प्रारम्भ करने के लिए ग्राम पंचायत द्वारा प्रत्येक मजरा,टोला, पारा स्तर पर ग्राम सभा आहूत की जावेगी ,साथ ही ग्राम सभा की गणपूर्ति ग्राम सभा के 50%से होगी जिनमे एक तिहाई महिलाएं होना अनिवार्य है|जिसके साथ ही प्राकृतिक संसाधनों ( जल जंगल,जमीन, का प्रबंधन /संरक्षण / संवर्धन करना हम सभी की जिम्मेदारी है।विशिष्ट अतिथि हेमन्त क्रांति ने उपस्थित ग्रामीणों को जल जंगल के महत्व पर जानकारी देते हुए कहा की वन संसाधनो का उपयोग व संरक्षण के लिए वनो से मिलने वाले वनोपज जैसे चार तेंदू हर्रा बहेरा आँवला महुआ आदि उत्पादो को संरक्षित करके अपने आय में बृद्धि किया जा सकता है। किंतु वर्तमान मे वन उत्पादो की घटती मात्रा तथा वन संसाधनो का अनावश्यक दोहन एक बहुत बड़ा चिंता का विषय बना हुआ है, जो कि समस्त जीव जगत के अस्तित्व के लिए खतरा है , इन समस्याओं से बचने के लिए व अपने वन क्षेत्रो में बृद्धि करने हमे समुदायिक वन प्रबंधन कार्य करना आवश्यक है इसके लिए ग्राम सभा वन प्रबंधन समिति का गठन करना होगा जिसमें समान रूप से ग्राम के महिला एवं पुरुषो की भागीदारी सुनिश्चित होना जरूरी है जिससे वन संपदा को शुरक्षा मिल सके इसके अलावा पेड़ो की हो रही अंधाधुंध कटाई को रोकने आग से वनो की रक्षा पशुओं की चराई आदि को रोकना ग्राम सभा के द्वारा संभव रहेगा ।रियाज अहमद जुंजानि पूर्व उपसरपंच ने कहा कि सामुदायिक वनाधिकार हमे वनो के संरक्षण ,सवंर्धन करने का अधिकार देता है ,बड़ी खुशी की बात है कि ग्राम सभा कंचनपुर को सी एफ़ आर दावा प्राप्त हो चुका है हमे सामुदायिक वन संरक्षण योजना बनाकर अपने जंगल का सुरक्षा करनी होगी हम अपने जंगल के घनत्व को बढाने एवम विलुप्त के कगार पर खड़े वनोपजों को पुनर्स्थापित करने तैयार है ।अमृका प्रसाद साहू जी ने संस्था के कार्य व उद्देश्य पर फोकस करते हुए कार्यक्षेत्र के ग्रामों से उपस्थित लोगों को सामुदायिक वनाधिकार प्राप्त क्षेत्र में ग्राम वन प्रबंधन समिति निर्माण व वन प्रबंधन समिति के कार्यो पर वर्णन करते हुए जंगल के संरक्षण संवर्धन करने हेतु नियामावली तैयार कर गाँव की जंगल प्राप्त क्षेत्र के लिए योजना निर्माण किया जाना जिस पर ग्राम सभा के सदस्यों को प्रबंधन योजना तैयार कर कार्य करने के लिए सन्देश दिया साथ ही पेसा कानून के तहत छत्तीसगढ़ राजपत्र प्रकाशित क़ानूनी प्रावधानों के अंतर्गत ग्राम नए सभा गठन, ग्राम सभा की संरचना एवं गठन , ग्राम सभा की शक्तियाँ एवं कार्य ,ग्राम सभा अध्यक्ष,ग्राम पंचायत सचिव का ग्राम सभा के प्रति कर्तब्यो एवं दायित्व पर जानकारी को विस्तार से प्रकश डाला गया इस कार्य को बढ़ाने हेतु समुदाय को आगे आने की जरूरत है, अतः आज हम सभी वन प्रबंधन,वनाधिकार,व पेसा कानून,पर हो रहे जिला स्तरीय कार्यशाला पर संकल्प लें कि हम अपने एकता व संगठन को शसक्त बनाते हुए विलुप्त के कगार पर खड़े वनोपजो को पुनः स्थापित कर वनो की संख्या में बृद्धि करने निरंतर प्रयासरत रहेंगे । इस दौरान उमराज सिंह सरपंच ग्राम पंचायत कंचनपुर , सलीम खान उपसरपंच ग्राम पंचायत कंचनपुर उपस्थित रहे।संस्था के कार्यकर्ता ओम्कारेश्वर शर्मा ने कार्यक्रम को सफल संचालन व आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज हमें वनाधिकार, पेसा, वन प्रबंधन, पर जो जानकारी मिला है उसे आत्मसात करते हुए अपने अपने ग्राम वन परिक्षेत्र में सभी के सहयोग से जंगल का जतन करने का संकल्प लेना होगा ।उक्त कार्यक्रम में शारदा साहू , संतराम, पुरुषोत्तम, मिलाप राम ,रामजी जसवंत, सुमेंद सिंह सनित कुमार,, जवाहर, शिवकुमार, हरिशंकर ,जेठू राम, रामु सुनहर सिंह ,दुर्गा बाई ,सिया, पार्वती, शकुंतला ममता ,धर्मशिला, अशोका, गुलपा रजनी आशा, गीता बाई सुमित्रा, हेमा, पार्वती ,सम्पति बाई ,नंद कुमारी ,,सहित ग्राम रतखण्डी, बरर नवापारा, मझवानी, कुआजति, बारीडीह ,, कंचनपुर ,ग्राम के महिला समूहों व ग्रामीण जन का सहयोग रहा ।

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