
कोटा – धर्मनगरी रतनपुर में हैहैय वंशीय कल्चुरी कलार समाज रतनपुर द्वारा मां महामाया धर्मशाला में अपने आराध्य देव भगवान राजराजेश्वर सहस्त्रबाहु अर्जुन जी का जयंती बड़ी धूम धाम से मनाया गया। जहां सर्वप्रथम समाज के लोगों द्वारा अपने आराध्यदेव भगवान सहस्त्रबाहु एवम् मां महामाया देवी की छायाचित्र की पूजा अर्चना विधि विधान से कर कार्यक्रम की शुरुआत किया गया । तत्पश्चात समाज के प्रबुद्धजनों द्वारा भगवान सहस्त्रबाहु जी के जीवनगाथा के बारे में परिचय देते हुए बताया गया कि भगवान सहस्त्रबाहु की जयंती प्रतिवर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष के सप्तमी तिथि को मनाई जाती है भगवान सहस्त्रबाहु को भगवान विष्णु के 18 वें अवतार माना जाता है और उनकी हजार भुजाएं थी और वे बहुत शक्तिशाली थे जो कि हैहैय क्षत्रीय कल्चुरी वंशियों के आराध्य देव हैं ।

प्राचीन इतिहास से पता चलता है कि हैहैय वंशीय कल्चुरी शासकों द्वारा छत्तीसगढ़ में कई सौ वर्षों तक शासन किया गया जिनकी प्राचीन राजधानी रतनपुर हुआ करती थी और कलार (जायसवाल) समाज हैहैय क्षत्रीय कल्चुरी वंशीय माने जाते है ।
रतनपुर नगर में हैहैय कल्चुरी कलार (जायसवाल) समाज द्वारा अनेक जनकल्याणकारी एवम् सामाजिक उत्थान के लिए विविध कार्यक्रमों का आयोजन करवाया जाते रहता है।
भगवान सहस्त्रबाहु जी की महाआरती पश्चात प्रसाद वितरण कर कार्यक्रम का समापन किया गया । इस अवसर पर रतनपुर नगर के कलार (जायसवाल) समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।