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निरंजन केशरवानी कॉलेज कोटा में धूमधाम से मनाया गया हिन्दी दिवस

कोटा – अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर से संबद्ध शासकीय निरंजन केशरवानी महाविद्यालय कोटा की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं हिन्दी विभाग के संयुक्त तत्वाधान में हिन्दी दिवस धूमधाम से मनाया गया।

इस अवसर पर विचार गोष्ठी  के माध्यम से हिन्दी के उन्नयन एवं विकास का संकल्प लिया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय ने अपने उदबोधन में बताया कि साहित्य एवं संस्कृति के आधार पर हिन्दी विश्व की अत्यंत विपुल भाषा है. हिन्दी भाषा की समृद्धि में ही राष्ट्र की समृद्धि निहित है. उन्होंने हिन्दी के गौरवशाली अतीत पर प्रकाश डालते हुए हिन्दी को एक सक्षम एवं समर्थ भाषा के रूप में रेखांकित किया।

हिंदी विभाग की डॉ. शिवानी साहा ने बताया कि हिन्दी को विशेष दर्जा दिलाने में भारतेंदु हरिश्चंद्र, मैथिलीशरण गुप्त खुसरो, तुलसी, कबीर, सूर, मीरा, रसखान, जायसी, बिहारी, गोविंद दास, हजारी प्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर, महात्मा गाँधी और सुभाष चंद्र बोस का योगदान महत्वपूर्ण है. कार्यक्रम अधिकारी शितेष जैन ने बताया कि देश की स्वतंत्रता और विकास में हिन्दी भाषा का अहम योगदान है. हिन्दी भाषा एक संपर्क भाषा है, जो हम लोगों को माला की तरह व आपस में जोड़ने का कार्य करती है. हिंदी विभाग के अमित कुमार खण्डेय ने बताया कि हिन्दी केवल हमारी भाषा ही नही पहचान भी है. सरकारी कामकाज में हिन्दी को प्राथमिकता देना होगा तभी हिन्दी भाषा को आगे बढ़ाया जा सकता है।

राजनीतिशास्त्र विभाग के डॉ. जे. के. द्विवेदी ने बताया कि आज़ादी के बाद हिन्दी के उत्थान के लिए 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिन्दी को भारत की राजभाषा का दर्जा दिया था. पहला हिन्दी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था. अंग्रेज़ी विभाग के डॉ. शांतनु घोष ने बदलते परिवेश में हिन्दी के महत्व पर अपना विचार व्यक्त किया. इसके पश्चात विभिन्न वक्ताओं ने भाषण एवं कविता के माध्यम से हिन्दी दिवस पर अपने विचार प्रस्तुत किए. इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक, कर्मचारी, विभिन्न विद्यालयों से आए शिक्षकगण एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक उपस्थित थे।

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