
समाजसेवियों ने शोभायात्रा का जगह जगह किये आत्मीय स्वागत
“भगवान परशुराम की जय जयकार” की जयघोष के साथ नगर हुआ गुंजायमान
मरवाही विधायक शोभायात्रा में शामिल होकर समाज के लोगों से मिलनसारिता की भावना प्रकट कर बधाई दी।
सर्व ब्राह्मण समाज ने परशुराम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया,विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन में प्रतिभाशाली बच्चे हुए पुरस्कृत

पेंड्रा –भगवान विष्णु के छठवें अवतार परशुराम की जय जयकार”,”जब जब ब्राह्मण बोला है राज सिंहासन डोला है” जयघोष के साथ सर्व ब्राह्मण समाज ने नगर में भव्य शोभायात्रा निकालकर गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में ब्राह्मणों द्वारा भगवान विष्णु के छठवें अवतार भगवान श्री परशुराम जी का जन्म उत्सव धूम धाम से मनाया गया।भगवान परशुराम जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में पूर्व संध्या पर जिले के प्रतिभाशाली बालक बालिकाओं के लिए विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें चित्रकला,रंगोली, नृत्य, गायन वादन फैंसी ड्रेस आदि कई कार्यक्रम रखे गए तथा प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को मोमेंटो प्रशस्ति पत्र से पुरस्कृत किया गया।इस कार्यक्रम में ब्राह्मण महिला मण्डल का विशेष योगदान रहा है। एकल नृत्य में पेंड्रा की आर्वी तिवारी प्रथम और शास्त्रीय संगीत गायन वादन में कोटमी सेखवा के अभिनव तिवारी प्रथम स्थान पर रहे इन्होंने अपनी प्रतिभा का परिचय देकर समाज के लोगों को भाव विभोर कर दिया। जिले के पेंड्रा नगर में भी सर्व ब्राह्मण परिषद एवं परशुराम सेना पेन्ड्रा के द्वारा अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम जी का जन्मोत्सव बडी धूमधाम से मनाया गया जिसमें समाज के वरिष्ठों द्वारा स्थानीय राम मंदिर पुरानी बस्ती में भगवान परशुराम जी की प्रतिमा के समक्ष वैदिक विधि विधान से पूजा-अर्चना सम्पन्न किया गया इस जन्मोत्सव कार्यक्रम में ब्राह्मणों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजन अभिषेक हवन,आरती कराया गया।तत्पश्चात् ब्राह्मण समाज के लोगों ने डीजे धुन में थिरकते नाचते एवं भगवान परशुराम का जयकारा लगाते हुए भव्य शोभायात्रा निकाली।इस शोभायात्रा में बड़ी संख्या में बच्चे,युवा,वरिष्ठ विप्रजन,बालिकाएं,महिलाएं महिला मंडल के सदस्यजन,पदाधिकारीगण पारंपरिक परिधान में दिखाई दिए। भव्य शोभायात्रा की शुरूआत राम मंदिर पुरानी बस्ती से प्रारम्भ कर बजरंग चौक, चेतन चौक, गर्ल्स स्कूल मार्ग, दुर्गा चौक बस स्टैंड,टॉकीज मार्ग,कम्पनी गार्डन से होते हुए हनुमान मंदिर में शोभा यात्रा का समापन किया गया।वहीं समाजसेवियों द्वारा शोभा यात्रा का जगह-जगह स्वागत भी किया गया। वहीं हम आपको बता दें कि भगवान परशुराम ने ब्रह्मणों ऋषियों पर होने वाले अत्याचार का अंत किया था।अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर भगवान परशुराम जी के साथ साथ विष्णु जी की भी कृपा प्राप्त होती है। शोभायात्रा में भगवान परशुराम पर आधारित तैयार की गई सुंदर झांकी आकर्षण का केंद्र रही। साथ ही ब्राह्मण समाज के घरों में सनातन संस्कृति का संदेश देते हुए महिलाओं ने रंगोली बनाकर दीप प्रज्ज्वलित की और विप्र महिलाओं ने थाल में भगवान परशुरामजी की आरती भी की।कार्यक्रम में ब्राह्मण समाज की महिलाएं पूजा अर्चना से लेकर शोभायात्रा समापन तक बड़ी संख्या में अपनी सहभागिता प्रदान कीं।शोभायात्रा के दौरान मरवाही विधायक प्रणव कुमार मरपच्ची कार्यक्रम में शामिल होकर अपनी आस्था भक्ति प्रकट की और समाज के लोगों को बधाई शुभकामनाएं प्रेषित किए। इस अवसर पर प्रमुख रुप से पवन त्रिपाठी, आदित्य पांडे, आलोक तिवारी, चंदन मिश्रा,उज्जवल तिवारी,डां मृत्युजंय शर्मा,सचिन तिवारी,शिव शंकर तिवारी,ज्ञानेंद्र चतुर्वेदी,उपेन्द्र तिवारी, सत्यनारायण पाण्डेय,राकेश चतुर्वेदी, श्रीकांत चतुर्वेदी, जयदत्त तिवारी, पंकज तिवारी, अनुपम पाण्डेय,देवेन्द्र मिश्रा, अभिषेक मिश्रा, रत्नेश तिवारी, राकेश तिवारी, सत्या पाण्डेय, प्रदीप शर्मा, अक्षय तिवारी,सुशील शर्मा,प्रखर तिवारी,आशुतोष दुबे,राकेश शर्मा, प्रवेश शर्मा, विरेन्द्र मिश्रा, पंकज तिवारी,कृष्णा तिवारी, बलराम तिवारी, राकेश त्रिपाठी, मुकेश शर्मा, रामेश्वर तिवारी, चंद्रकांत शर्मा,ओम प्रकाश पांडेय, राकेश दुबे,अरुण शर्मा, विकास शर्मा,धनंजय शर्मा,अक्षय तिवारी प्रशांत मिश्रा, रमेश मिश्रा, गगन मिश्रा, सुशांत गौतम, शशांक शर्मा, स्वपनिल शर्मा, सत्यनारायण शर्मा,कृष्णा पाण्डेय,एन.एन.तिवारी,संतोष तिवारी, सोमेंद्र शुक्ला, रमेश चतुर्वेदी, मदन पाण्डेय,अरुण पाण्डेय,मनीष शुक्ला, आशुतोष शर्मा, शैलेन्द्र चतुर्वेदी,आनंद पाण्डेय,राकेश तिवारी,संदीप दुबे,गिरीशदत्त शर्मा सहित पेंड्रा, मरवाही, कोटमी,तहसील की महिलाएं, बच्चे तथा विप्र समाज के लोग इस आयोजन में शामिल रहे।
इन नामों से जाना जाता है
धार्मिक ग्रंथों में भगवान परशुराम को राम,जामदग्नाय, राम भार्गव और वीरराम भी कहा जाता है,हिंदू आस्था मानें तो भगवान परशुराम अभी भी पृथ्वी पर रहते हैं इसलिए राम और कृष्ण के विपरीत परशुराम की पूजा नहीं की जाती है. दक्षिण भारत में उडुपी के पास पजका के पवित्र स्थान पर एक बड़ा मंदिर मौजूद है जो परशुराम का स्मरण कराता है।भारत के पश्चिमी तट पर कई मंदिर हैं जो भगवान परशुराम को समर्पित हैं।
अमर हैं भगवान परशुराम
पुराणों में 8 महापुरुषों का वर्णन है जिन्हें अजर-अमर माना जाता है, इनमें हनुमान जी, अश्वत्थामा, कृपाचार्य, भगवान परशुराम, ऋषि मार्कण्डेय, राजा बलि, महर्षि वेदव्यास और विभीषण शामिल हैं।
“परशु प्रतीक है पराक्रम का” “राम पर्याय है सत्य सनातन का” परशुराम शस्त्र और शास्त्र के समन्वय का नाम है।संतुलन ही जिसका संदेश है।भगवान परशुराम अक्षय तृतीया को जन्म लिए हैं इसलिए परशुराम की शस्त्र शक्ति भी अक्षय है और शास्त्र ज्ञानसंपदा भी अक्षय है।
