
ठा. प्रेम सोमवंशी (कोटा) शासकीय निरंजन केशरवानी महाविद्यालय कोटा के वाणिज्य विभाग एवं अर्थशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वाधान में विद्यार्थियों को पाटिल रेल्वे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड रेल्वे स्लीपर फैक्ट्री कोटा का शैक्षणिक भ्रमण कराया गया। प्राचार्य प्रो. बी. एल. काशी एवं गोपाल कृष्ण शुक्ला सहायक महाप्रबंधक के निर्देशन, डॉ संजू पाण्डेय विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग, डॉ. नीलम त्रिवेदी विभागाध्यक्ष वाणिज्य विभाग तथा शितेष जैन नोडल अधिकारी कैरियर गाइडेंस सेल एवं सहायक प्राध्यापक वाणिज्य विभाग के मार्गदर्शन में चयनित 45 विद्यार्थियों ने रेलवे स्लीपर के निर्माण की सम्पूर्ण प्रक्रिया को करीब से सीखते हुए रोजगारपरक जानकारी प्राप्त की ।

राजेश सिंह प्रशिक्षण मैनेजर ने जानकारी देते हुए बताया कि पाटिल ग्रुप रेलवे प्रेस्ट्रेस कंक्रीट स्लीपर्स का एक निर्माता है। कंक्रीट स्लीपरों का उपयोग ब्रॉड गेज रेलवे ट्रैक के लिए किया जाता है। रेलवे स्लीपर न केवल स्टील रेल को उनकी स्थिति बनाए रखने के लिए सहारा देता है, बल्कि भारी दबाव को स्टील रेल से ट्रैक बेड तक भी पहुंचाता है। इसमें अच्छे लचीलेपन और लोच की विशेषताएं होती हैं। जब ट्रेन गुजरती है तो यह दबाव को कम करने के लिए उचित रूप से विकृत हो सकता है और ट्रेन गुजरने के बाद जितना संभव हो सके मूल स्थिति में लौट सकता है।
मुकेश लीलाधर उत्पादन शाखा प्रमुख ने रेलवे स्लीपर के निर्माण की संपूर्ण प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि कंक्रीट स्लीपर सीमेंट, रेत, पत्थर, पानी और मिश्रण के मिश्रण से बनाया जाता है, जिसे स्टील के तारों या स्टील बार, स्लीपर सहायक उपकरण के साथ एक मिश्रित मॉडल में इंजेक्ट किया जाता है, और कंपन बनाने या लोड करने, कंपन बनाने, भाप इलाज, स्टील के तारों को ढीला करने या लोड करने का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर, कंक्रीट स्लीपर में लकड़ी के स्लीपर से बेहतर भौतिक गुण होते हैं और इसका उपयोग उच्च गति, हेवी-ड्यूटी, सीमलेस और अन्य रेलवे लाइनों पर किया जा सकता है। इसमें लकड़ी की बचत, लंबी सेवा जीवन, अच्छी गुणवत्ता, कम रखरखाव कार्यभार और कम लागत के फायदे हैं।
डॉ संजू पाण्डेय विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग ने बताया कि शैक्षणिक दौरे विद्यार्थियों के समग्र विकास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डॉ. नीलम त्रिवेदी विभागाध्यक्ष वाणिज्य विभाग ने बताया कि विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने और अवधारणाओं एवं सिद्धांतों को गहराई से जानने में मदद करने के लिए यह शैक्षणिक भ्रमण आयोजित किया गया। शितेष जैन नोडल अधिकारी कैरियर गाइडेंस सेल एवं सहायक प्राध्यापक वाणिज्य विभाग ने बताया कि शैक्षणिक भ्रमण से विद्यार्थी रोजगारपरक व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने के अलावा विषयों के बारे में अपनी समझ को गहरा करते हैं साथ ही नवाचार, अनुसंधान, संचार कौशल और अपने आसपास की दुनिया के प्रति जिम्मेदारी की भावना भी विकसित करते हैं। इस शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम को सफल बनाने में आशीष पाण्डेय एवं चांदनी मण्डले की महत्वपूर्ण भूमिका रही।