
ठा. प्रेम सोमवंशी (कोटा) कोटा विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला धनरास, संकुल केंद्र-करगीकला की शिक्षिका श्रीमती दीप्ति दीक्षित के द्वारा बनाए गए जादुई पिटारे को राज्य पर काफी सराहा जा रहा है । विकासखंड स्त्रोत समन्वयक कोटा प्रमोद शुक्ला के मार्गदर्शन में शिक्षिका के द्वारा इस पिटारे का निर्माण किया गया है,जिसे सर्वप्रथम प्रमुख सचिव डॉक्टर आलोक शुक्ला ने अपने वेबसाइट में स्थान प्रदान किया।
इसके बाद लोगों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है जिला स्तरीय प्रदर्शनी में भी इनके जादुई पटरे को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ साथ ही राज्य स्तर पर प्रकाशित मासिक न्यूज़ पत्रिका शिक्षा के गोठ, जिसमें शिक्षकों के द्वारा किए जा रहे हैं बेहतर कार्यों को स्थान दिया जाता है एवं राज्य के कोने-कोने के शिक्षकों के द्वारा किए जा रहे कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए इस पत्रिका का मासिक प्रकाशन होता है।

शिक्षिका ने इस जादुई पटारे का निर्माण स्वयं के व्यय से किया है एवं इसमें 100 से भी अधिक खिलौने बनाए हैं जो बच्चों के लर्निंग आउटकम को ध्यान में रखकर बनाया गया है इसमें विभिन्न प्रकार के पजल बोर्ड गेम थर्माकोल फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स,पपेट्स,कठपुतली, मुखौटे, ओरिगामी, बिग बुक, फ्लेस कार्ड, एफएलएन छतरी,गिनतारा, फिरकी, टैनग्राम, किचन सेट, मिट्टी के खिलौने, गुड़िया गुड्डी, विभिन्न प्रकार की ज्यामिति आकृतियां, कविता कहानियों का संग्रह, चकरी डुगडुगी, तबला, जंपिंग बॉल, थर्माकोल अल्फाबेट पजल, वर्णमाला पजल, गिनती पजल, आइसक्रीम स्टिक से विभिन्न प्रकार के खेल, छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेल जैसे भंवरा बाटी,गुलेल, तीर धनुष, नदियां बैला, चक्का का खेल, निशाना लगाओ खेल, पिट्ठुल आदि का निर्माण किया है।
शिक्षिका की जादुई पिटारे को देखने के लिए लोगों में बहुत उत्सुकता है और लोग जानना चाहते हैं कि इस प्रकार के अंदर शिक्षिका ने क्या-क्या वस्तुएं को रखा है एवं वह उनका कैसे उपयोग करती हैं जिसके लिए शिक्षिका ने बहुत जल्द इस पिटारे में रखी हुई वस्तुओं को वीडियो के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने की बात कही है।

जिला स्तर पर जब शिक्षिका और उनके सहयोगी शिक्षक चंद्र प्रकाश तिवारी ने अपने जादूई पिटारे का प्रदर्शन प्रारंभ किया तो उसमें इतनी वस्तुओं को देखकर निर्णायक मंडल भी दंग रह गए और उन्होंने शिक्षकों के द्वारा किए गए कार्यों की काफी सराहना की ।जादुई पिटारे की सामग्री खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी एक से बढ़कर एक सामग्री इस पिटारे से निकलते ही जा रही थी।
दोनों शिक्षकों ने बहुत ही अनोखे अंदाज में जमुरे जी उस्ताद के तर्ज पर इस पिटारे का प्रदर्शन प्रारंभ किया शिक्षकों के प्रस्तुतीकरण को देखकर वहां बच्चों की भीड़ लग गई और बच्चे भी जादूई पिटारे से निकलने वाली सामग्रियों को देखने के लिए उत्सुक थे, दोनों शिक्षकों ने प्रदर्शन के दौरान एक अलग ही प्रकार के चश्मे लगाए हुए थे तथा बहुत ही अनोखे वे में इस पिटारे का प्रदर्शन प्रारंभ किया जो लोगों को काफी हंसा भी रहा था। जिसके लिए उन्हें जिले स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।

शिक्षिका ने बताया कि उन्होंने नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत एनसीईआरटी के तर्ज पर जादुई पिटारे का निर्माण किया है जिसके लिए उन्होंने राज्य स्तरीय खिलौना निर्माण कार्यशाला में तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त किया था इस प्रशिक्षण के दौरान उन्हें अपने विद्यालय के कार्यों को एस सी ई आर टी के डायरेक्टर राजेश सिंह राणा के समक्ष प्रस्तुत करने का अवसर प्राप्त हुआ, राणा सर के द्वारा शिक्षिका के कार्यों की काफी सराहना की गई और उन्हें आने वाले समय में बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। शिक्षका के अनुसार यह कार्यशाला उनके लिए बहुत आवश्यक एवं बहुत कुछ नया सीखने वाला था। हालांकि शिक्षिका ने विकासखंड जिले तथा संभाग स्तर पर खिलौना आधारित शिक्षा शास्त्र में पहले भी प्रशिक्षण दिया है। लेकिन इस कार्यशाला में उन्हें जादुई पिटारे तथा उसके उपयोग के बारे में बहुत कुछ नया सीखने को मिला। जिससे उन्हें तथा उनके विकासखंड के शिक्षकों को भी लाभ प्राप्त हो सकेगा।
शिक्षिका के अनुसार जिले एवं विकासखंड के सभी अधिकारियों का उन्हें हमेशा सहयोग प्राप्त होता है , ए पी सी श्रीमती सुनीता पांडेय ,विकास खंड शिक्षा अधिकारी विजय कुमार टांडे, बीआरसी प्रमोद शुक्ला, सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्रीमती संध्या जायसवाल, श्रीमती दीपिका रोज किंण्डो, नवनीत तंबोली एवं संकुल समन्वयक तथा प्रधान पाठक देवव्रत मिश्रा का हमेशा मार्गदर्शन प्राप्त होता है विकासखंड के सभी अधिकारी शिक्षकों को बेहतर से बेहतर कार्य करने के लिए हमेशा प्रोत्साहित करते हैं जिससे शिक्षक प्रोत्साहित होकर नित नए नवाचार कर रहे हैं और विकासखंड को प्रत्येक क्षेत्र में आगे ले जा रहे हैं।