
ठा. प्रेम सोमवंशी (कोटा) “मरहबा या मुस्तुफा,,”सरकार की आमद मरहबा,,”दिलदार की आमद मरहबा,,जश्ने-ईद मिलादुन्नबी मुबारक हो की सदाओं(नारो) के साथ गुरुवार 28-सितंबर को इन्सानियत का पैगाम देने वाले पैग़म्बरे-इस्लाम मोहम्मद साहब के जन्मदिवस के अवसर पर कोटा-मुस्लिम-जमात ने पूरे आन-बान-शान अनुशासन से नातिया-कलाम के साथ जुलूसे-मोहम्मदी निकाला..जुलूसे-मोहम्मदी मस्जिदपारा से निकलकर मेन रोड होते हुए बजारपारा-बस स्टैंड-महाशक्ति-चौंक-चौंक से जय स्तंभ नाका चौंक होते हुए मौहारखार-लोरमी रोड-राममंदिर चौंक पडावपारा तहसील-डाकबंगला से होते हुए वापस मस्जिदपारा-जुलूस के दौरान समाज के लोगों द्वारा रास्ते भर खाने-पीने की बेहतरीन मिठाई-नमकीन-लंगर सामग्री सहित शर्बत-कोल्डड्रिंक पीने का पानी की पूरी व्यवस्था बनाई गई थी दोपहर 3:00-बजे के आसपास मस्जिदे-ताहा कोटा में जुलूस का समापन हुआ, जुलूस के समापन के बाद पैग़म्बरे-इस्लाम मोहम्मद साहब पर सलातो-सलाम पेश करने फतिहाखानी के बाद मस्जिद-कमेटी कोटा के द्वारा पूरे कोटा मुस्लिम जमात के लिए आम लंगर आयोजित किया गया था जिसमे की कोटा-नगर सहित कोटा से लगे ग्रामीण-इलाकों के मुस्लिम-समुदायो की भारी संख्या में पुरुषों-महिलाओं-बच्चो-बच्चो की उपस्थिति रही।

मस्जिदे-ताहा के पेश-ईमाम हाफीज-गुलजार साहब ने जुलूस के दौरान मोहम्मद-साहब का पैगाम दिया:–
जुलूसे-मोहम्मदी के पूरे कोटा-नगर भ्रमण के दौरान कोटा के प्रमुख चौंक-चौराहों में कोटा-मुस्लिम समाज मस्जिदे-ताहा के पेश-ईमाम हाफीज-गुलजार साहब ने मोहम्मद-साहब द्वारा कही गई सिराते-मुस्तकीम (अच्छाई के रास्तो) में चलने बुराइयों से दूरी अपने समाज के लोगो सहित दीगर समाज के लोगो के साथ अच्छे बर्ताव आपसी-प्रेम सद्भाव-सौहार्द-बनाए रखने कमजोर वर्गों की हमेशा मदद करने, हक (सच्चाई) के साथ चट्टान की तरह खड़े रहने, बातिल (बुराई) के खिलाफ रहना, चाहे वो अपने ही मजहब का ही क्यो न हो उसके आगे हाफिज गुलजार साहब ने बताया कि मोहम्मद साहब के दुनिया मे पैदा होने (यौमे-विलादत) के बाद जिन अरब देशों में बेटियों के पैदा होते ही उन्हें बोझ मानकर जिंदा दफन कर दिया जाता था मोहम्मद साहब के दुनिया मे आने के बाद उस प्रथा को पूरी तरह से बंद कर दिया मोहम्मद-साहब ने बेटीयो का सम्मान बढ़ाया, मोहम्मद साहब की चार बेटियाँ थी, जिनकी सबसे छोटी बेटीयो में खातूने-जन्नत हजरत फातिमा के दोनों साहेबजादे (पुत्र) हजरत हसन व हजरत ईमाम हुसैन के नाम से पूरी दुनिया वाकिफ है हजरत ईमाम हुसैन की कर्बला में हक की खातिर सच्चाई की खातिर शहादत इस्लाम के लिए आज भी तारीख है,,जो कि पूरी दुनिया के रहने तक रहेगी।

जुलूसे-मोहम्मदी में हिंदुस्तान सहित पूरी दुनिया में अमन-चैन-शांति आपसी भाईचारा के लिए दुआ मांगी गई:–
जुलूसे-मोहम्मदी के समापन के बाद मस्जिदे-ताहा में हिंदुस्तान सहित पूरी दुनिया में अमन-चैन-शांति आपसी-भाईचारा के लिए मुस्लिम-समाज कोटा द्वारा दुआए-खैर मांगी गई..दुवाओ के दौर के बाद समाज के लोगों के लिए आम-लंगर का इंतजाम किया गया जिसमें की कोटा-सहित कोटा से लगे आसपास के मुस्लिम-समुदाय के लोगो मे जिसमे की महिला-पुरुष सहित बच्चों की भारी संख्या में उपस्थिति रही,,सभी ने लंगर नौस फरमाकर अल्लाह का शुक्र अदा किया जुलूसे-मोहम्मदी सहित पूरे आम-लंगर प्रोग्राम में मस्जिद-कमेटी व मदरसा-कमेटी के पदाधिकारियों-मेम्बरों सहित समाज के बड़े-बुजुर्गों की प्रमुख रूप से भूमिका रही कार्यक्रम के बाद मुस्लिम-जमात-कोटा के बड़े-बुजुर्गों सहित समाज के युवाओं ने मस्जिद-कमेटी-व-मदरसा-व-मदरसा कमेटी के पदाधिकारियों को मुबारक-बाद पेश की।

जुलूसे-मोहम्मदी में कोटा मस्जिद व मदरसा कमेटी के ओहदेदार-मेम्बरों में सदर जनाब बशीर बेग, मोहम्मद जावेद खान, नायब सदर जब्बार खान, सेकेट्री-अब्दुल गफ्फार, खजांची फिरोज रजा नायब-सेकेट्री अब्दुल मोईद कुरैशी, मो. हफीज खान, अमजद खान, शेख सिराज, अफजल खान, अनवर अली, बग्गू खान, अमजद अली, अकबर अली, दादा भाई, मोहम्मद रज्जब, फिरोज खान, सुबराती खान, शमशुल हक रफीक खान, सईद खान, शमीम खान (गोलू) आसिफ खान, साहेब आलम (मिन्नू) शाहिद अली, रियाजत खान, आमिर खान, अरमान खान, फिरोज आलम परवेज खान, आरिफ बेग असलम खान, मिर्जा नईम बेग, जावेद बेग, सलीम खान, हासिम अली, हबीब खान, इमरान खान, हुसैन खान, समीर खान, तौहीद खान अज्जू बागड़ी, अकरम खत्री, आकिब खत्री अदनान खत्री, आजम खत्री अहमद अंसारी, अजीम खान हलीम खान, इस्माइल खान हाजी अब्दुल आबिद, अब्दुल रब, हैदर अली अहमद खान, साबिर अली, सदरुद्दीन खत्री, समीम खान, मोहम्मद हसन, रूबी खान, शरीफ खान (पेंटर) नियाज-खान सहित भारी संख्या में कोटा मुस्लिम-जमात के बड़े-बुजुर्ग-नवजवान बच्चो की उपस्थिति रही।