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मानव-हाथी द्वंद रोकने वन विभाग द्वारा हाथियों से बचाव हेतु क्या करें और क्या न करें के लिए गाइडलाइन जारी

        गौरेला पेंड्रा मरवाही – मानव-हाथी द्वंद रोकने के लिए मरवाही वनमण्डल ने गाइडलाइन जारी दिया है। वनमण्डलाधिकारी शशि कुमार ने बताया कि बीते दिनों जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में इंसान और हाथियों के टकराव हो रहे है। इसके लिए वन विभाग द्वारा समय समय में सुरक्षा संबंधित दिशा निर्देश जारी किए जा रहे है, इसके तहत हांथियों से बचाव के लिए गांव में हाथी आने पर इसकी सूचना निकटवर्ती वन कर्मचारी को तुरंत देवे, सभी घरों के बाहर पर्याप्त रोशनी करके रखें, ताकि हाथी के आने से पहले ही दूर से पता चल जाए, हाथियों से सामना होने की स्थिति में उससे ज्यादा से ज्यादा दूरी बना कर रखें, हाथी विचरण क्षेत्र में अपने ग्रामों के वृद्ध, अपाहिज और छोटे बच्चों की सुरक्षा का खास ध्यान रखें, जन-धन हानि होने की स्थिति में बदले की भावना से प्रेरित होकर हाथियों के पास न जावें, बल्कि वन विभाग को सूचित कर मुआवजा राशि की प्रक्रिया करवाने में सहयोग करें, पहाड़ी स्थानों में सामना होने की स्थिति में पहाड़ी की ढलान की ओर दौड़े, उपर की ओर नहीं क्योंकि हाथी ढलान में तेज गति से नहीं उतर सकता, परन्तु चढ़ाई में वह दक्ष होता है।
गावों में हाथी आने पर क्या नहीं करना चाहिए के संबंध में कहा गया है कि किसी भी प्रकार का शोरगुल व हल्ला न करें और उस क्षेत्र को तुरंत छोड़ देवें, सेल्फी एवं फोटो लेने की उत्सुक्ता में हाथी के नज़दीक बिल्कुल भी न जायें, यह प्राण घातक हो सकता है, हाथियों को फसल लगे खेतों में होने की स्थिति का पता चलने पर उन्हें खदेड़ने हेतु उनके पास न जायें, न ही जाने का प्रयास करें। हाथियों को गुलेल, तीर, मशाल व पत्थरों से बिल्कुल न मारें इससे वे आक्रमक होकर आपकी दिशा में बढ़कर जनहानि कर सकते हैं। शौच के लिए खुले खेत व जंगल से लगे स्थानों पर न जावें, घरों में बने शौचालयों का अधिकतम इस्तेमाल करें। हाथी विचरण क्षेत्रों में देशी शराब व महुआ से बनी शराब न बनावें भंडारण करें, हाथियों को शराब की गंध दूर से आकर्षित करती है। हाथियों के विचरण क्षेत्रों में तेंदूपत्ता, फुटु, बांस के संग्रहण के लिये एवं मवेशी चराने ना जायें।

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