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नगर पालिका परिषद मुंगेली का हाल तो आधुनिक साज सज्जा के नाम पर हटा दी गई पूर्व अध्यक्षों की फोटो!

अक्षय लहरे (मुंगेली) जिले में इन दिनो शहीदो महापुरूषो सहित ऐसे लोग जो कभी किसी विशिष्ट पदो में आसीन रहे हो उनके फोटो नामो के साथ खिलवाड का चलन बढने लगा है, अब इस भूल वश हुई चुक का दर्जा दिया जाये या फिर युवा जोश में होश खोने का तमगा । नगर के लोगो में जम कर चर्चा का विषय बना हुआ है। एक तरफ जहां वार्डो मंे गंदगियो का आलम है स्वयं नगर पालिका अध्यक्ष के वार्ड से आई तस्वीरे जो बया करती है ।
अविभाजित जिले का सबसे पूराना नगर पालिका परिषद का दर्जा प्राप्त मुंगेली नगर पालिका इन दिनो जन चर्चा के विषय में है । पूर्व में बने अध्यक्षो को सम्मानित करने के उदेश्य से अध्यक्ष कक्ष में 8 अध्यक्षो की फोटो लगाई गई थी, अध्यक्ष कक्ष को आधुनिक साज सज्जा के लिए इन तस्वीरो को निकाल दिया गया, सबसे दुर्भाग्य जनक बात यह है कि इन तस्वीरो को सुरक्षित न रख कर पुराने कबाड के बीच रख दिया गया । 
नगर पालिका का इतिहास – मुंगेली 19 दिसम्बर 1949 को नगर पालिका परिषद का दर्जा दिया गया। तब से लेकर वर्तमान तक लगभग  8 जनप्रतिनिधियो ने अध्यक्ष का पदभार सम्हाला है । सन 1948 में गोवर्धन के इस्तीफा देने के बाद कालीचरण शुक्ल कमेंटी के अध्यक्ष बने। इन्हीं के कार्यकाल में नोटिफाईड एरिया की जगह मोलों को 19 दिसम्बर 1949 को नगर पालिका परिषद का दर्जा दिया गया। इस प्रकार श्री शुक्ल नगर पालिका के प्रथम अध्यक्ष बने । नगर पालिका के प्रथम चुनाव, 1952 में हुए जिसमें केशवराव गोवर्धन प्रथम निर्वाचित अध्यक्ष बने तब से लेकर आज तक नगर पालिका में 8 जन प्रतिनिधियों ने अध्यक्ष तथा 22 से अधिक अधिकारियों ने प्रशासक का पद संभाला।
कबाड में पहुचने लगी पूर्व नगर पालिका अध्यक्षो की फोटो –  इसे दुर्भाग्य कहे या फिर युवा प्रतिभाओ की हडबडाहट अपने को सर्वश्रेष्ठ साबित करने की होड में पूर्व नगर पालिका की अध्यक्षो की फोटो का जिस कदर अपमान पालिका में देखा गया वो एक विडंबना से कम नही है, सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार एक तरफ जहां एक चेम्बर की साज सज्जा और व्यवस्थाओं के लिए लगभग लाखो का व्यय किया गया , वही दुसरी तरफ उसी चेम्बर में लगे नगर के पूर्व प्रथम नागरिको ,प्रदेश के मुखिया, विभागीय मंत्री, प्रभारी मंत्री, सहित छत्तीसगढ का सम्मान छत्तीसगढ महतारी की छायाचित्रो उस चंेम्बर में जगह तक नसीब न हो कर उसे पेपरो के कबाड में पाया गया है।जो काफी चर्चा का विष्य बना हुआ है।


इस बारे में पूर्व पार्षद अमितेष विज्जु आर्य ने कहा कि ये बडे शर्म की बात है नगर पालिका के सम्मानित व्यक्तियो की फोटो फेक दिया गया है जितना खर्चा अध्यक्ष चेम्बर के लिए किया गया अगर उसे शहर के विकास में लगाया जाता तो आम लोगो को परेशानियो का सामना नही करना पडता ।

एक कांग्रेस पार्षद के अनुसार निश्चित रूप से प्रदेश में भुपेश बघेल की लोकप्रिय सरकार है और नगरपालिका मे भी कांग्रेस के अध्यक्ष होते हुए भी लोगो की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य नही हो रहा है आश्वाशनों का दौर जारी अब तो नगरवासियों का भरोसा भी नगरपालिका से उठ चुका है ।

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