
मनमोहन सिंह राजपूत (खैरा).… छत्तीसगढ़ की लोक कला,लोक संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के साथ अंचल के लोक कलाकारों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 18वाॅ दो दिवसीय चांपी लोक कला महोत्सव का “अरपा पैरी के धार” राज्य गीत और झांकी के साथ महोत्सव का शुभारंभ किया गया। जहां कर्मा नृत्य, गौरा गौरी,पंथी नृत्य,पंडवानी,ददरिया सहित लोक नाट्य का एक ही मंच पर रूपांतरण किया जा रहा है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनपद अध्यक्ष मनोहर राज एवं उपाध्यक्ष सुमंत जायसवाल ने कहा कि लोक कला और संस्कृति से समृद्ध कार्यक्रमों आयोजन होने से अपनी परंपरा से जुड़े रहने युवा पीढ़ी को संदेश मिलता है।लोक कला में निपुर्ण हर एक कार्यक्रम बड़ा होता है। जिसमे हमारी संस्कृति और परंपरा झलकती है। वही सभापति कन्हैया गंधर्व ने बताया कि लोक कलाकारों को मंच प्रदान करने से लोक कला से रूबरू होने का अवसर मिलता है।कला और संस्कृति से जुड़ाव हमें मजबूती प्रदान प्रदान करने के साथ समाज को नई दिशा की ओर लेकर जाती है।चांपी लोक कला संस्था के अध्यक्ष हेमंत सिंह क्रांति ने बताया की वर्ष 1990 से चांपी लोक कला संस्था और राजीव युवा मितान क्लब के सहयोग से अलग-अलग स्थानों पर बिना किसी शासकीय सहयोग के ग्रामीण आदिवासी लोक कला का सफल आयोजन हो रहा है। महोत्सव में क्षेत्र के कुशल लोक कलाकारों द्वारा कर्मा नृत्य, गौरा गौरी,पंथी नृत्य,पंडवानी, गुदुम बाजा,ददरिया, गेड़ी नृत्य,जस गीत, बिहाव गीत,फाग गीत,भरथरी एवं लोकनाट्य का मंचन के साथ पारंपरिक वेशभूषा धारण कर झांकी निकाली जा रही है।इस दौरान विशिष्ट अतिथि एआर कश्यप,प्रीतम सिंह राजपूत, महाराज सिंह पैकरा उपस्थित रहे।आयोजन को सफल बनाने ग्राम सरपंच गोवर्धन सिंह आर्मो, सुरेश आर्मो,राजेश्वर मरावी,भाऊराम जायसवाल, इतवार सिंह मरावी,जगत राम साहू,संजय जायसवाल, जीवन पोर्ते, मनोज कश्यप कृष्ण कुमार पैकरा डेविड जायसवाल प्रदीप वैष्णव राजू यादव ग्राम के सभी क्लब जुटे हुए हैं।