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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करगीकला में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत पियर एज्यूकेटर्स की पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित

ठा. प्रेम सोमवंशी (कोटा) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करगी कला विकासखंड कोटा में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत पियर एज्यूकेटर्स की पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला दिनांक 11 फरवरी से 15 फरवरी तक आयोजित की गई। प्रशिक्षण में अंचल के 10 से 19 वर्ष आयु वर्ग के किशोर किशोरियों का चयन पियर एज्यूकेटर्स हेतु किया गया उन्हें किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक मानसिक एवं भावनात्मक बदलावों के संबंध में जिला एवं विकासखंड स्तरीय प्रशिक्षकों के माध्यम से कार्यशाला आयोजित कर प्रशिक्षण प्रदान किया गया कार्यशाला में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के 6 महत्वपूर्ण घटक तथा पोषण विज्ञान एवं प्रजनन स्वास्थ्य असंचारी बीमारियां। मादक पदार्थों के दुरुपयोग, चोट और हिंसा लिंग आधारित, हिंसा लिंग आधारित भेदभाव तथा मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पियर एज्यूकेटर्स को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

ज्ञात हो कि 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल आबादी में करीबन 20% किशोर किशोरियों 10 वर्ष आयु वर्ग से 19 वर्ष आयु वर्ग है जो लगभग 25 करोड़ 30 लाख हैं। इस आबादी का कुल 10% 10 से 14 वर्ष आयु वर्ग एवं 10% 15 से 19 वर्ष आयु वर्ग में है। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य अंचल में निवासरत इस आयु वर्ग के किशोर किशोरियों में होने वाले बदलाव के संबंध में उपयुक्त एवं समुचित जानकारी उपलब्ध कराना है। जिससे किशोर किशोरियों में इस आयु में होने वाले बदलाव के बारे में कोई भ्रांति तथा भटकाव की स्थिति ना हो विभिन्न शोध के माध्यम से पाया गया है कि आज के समाज में युवावस्था एवं उसके उपरांत के जीवन में लोग किस प्रकार से शारीरिक एवं मानसिक रोगों से परेशान हैं तथा कैसे इसका सीधा प्रभाव उनके परिवारिक एवं सामाजिक जीवन में कैसे पड़ता है फिर वह नशाखोरी हो परिवारिक हिंसा हो योन जनित रोगों की समस्या हो शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य हो और कहीं ना कहीं इन सभी का मूल अथवा आरंभ किशोरावस्था में होने वाले बदलावों को ना समझ पाना अथवा जानकारी के अभाव में नशाखोरी में लिप्त होकर गलत दिशा में भटक जाना ही आगे चलकर इन सभी विकारों को जन्म देता है। इस प्रशिक्षण के उपरांत प्रशिक्षित पियर एज्यूकेटर्स अपने ग्राम में अपने सामान आयु वर्ग के किशोर किशोरियों का समूह बनाकर उन्हें इन सभी परिवर्तनों के बारे में सही जानकारी प्रदान कर उन्हें सहयोग प्रदान करेंगे जिससे किशोर किशोरिया अपने शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य हेतु सही दिशा का चुनाव कर सकें साथ ही पियर एज्यूकेटर्स उनकी गोपनीयता का ध्यान रखते हुए स्वास्थ्य शिक्षा अथवा किसी प्रकार की हिंसा के संबंध में सही मार्गदर्शन एवं समाधान हेतु उपयुक्त स्थान की जानकारी उपलब्ध कराएंगे इसी तात्पर्य में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करगीकला में संचालित किशोर स्वास्थ्य परामर्श क्लीनिक के बारे में जानकारी दी गई। कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर डॉ अमित कुमार दुबे ग्रामीण चिकित्सा सहायक, आर.एच.ओ. सुश्री बीना दास, श्रीमती मनोजारानी श्रीवास, श्रीमती छवि काटिले द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। कार्यक्रम के संचालन एवं अंतर्विभागीय समन्वय में सेंटर फॉर केटालाइजिंग चेंज (C-3) के जिला कार्यक्रम समन्वयक महेश झरकर एवं ब्लॉक समन्वयक शिव शर्मा का सहयोग रहा।

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