
राहुल यादव(लोरमी) …. श्री सिद्ध बाबा आश्रम बिचारपुर में श्री श्री 108 श्री स्वामी शिवानंद जी महाराज का मंगलमय पदार्पण। विगत 27 वर्षो से चली आ रही परंपरा को आगे बढ़ाते हुए श्री सिद्ध बाबा आश्रम विकास समिति बिचारपुर के द्वारा श्री रामचरित मानस नवान्ह परायण का आयोजन किया गया।

श्री श्री 1008 श्री स्वामी सदानंद परमहंस जी महाराज द्वारा जो परंपरा स्थापित किया गया है उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए स्वामी शिवानंद जी महाराज का आगमन दोपहर 3.00 बजे श्री सिद्ध बाबा आश्रम बिचारपुर हुआ, स्वामी जी का स्वागत बड़े ही धूमधाम से हरी कीर्तन मंडली द्वारा हरीनाम संकीर्तन एवं श्रद्धालु भक्तो के द्वारा सनातन धर्म की जयघोष करते हुए किया गया, पहाड़ी के ऊपर स्थित श्री सिद्ध बाबा आश्रम बिचारपुर अपने आप में एक आस्था का केंद्र बना हुआ है।यह आश्रम लोगो को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करता है।

इसके नजदीक ही मनियारी नदी भी गुजर रही है। मनियारी नदी अपनी शीतलता से आए हुऐ श्रद्धालू भक्तो का मन मोह लेती है। स्वामी जी द्वारा संचालित 33 आश्रमों से एक ये सिद्ध बाबा आश्रम बिचारपुर भी है। स्वामी जी ने सर्वप्रथम रामकूटी में जा कर चरण पादुका का पूजा कर एवं मां मनियारी नदी में श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद प्राप्त किए,तत्पश्चात अपने भक्तो को आशीर्वचन में नवधा भक्ति की महिमा को बताते हुए कहा कि गुरु के सामने कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए एक भक्ति भाव है। दास्य भक्ति ईश्वर या अपने गुरु के प्रति सेवा भाव है। आत्म-निवेदन अपने शरीर, मन और आत्मा को भगवान को समर्पित करना है, ताकि उनकी शरण ली जा सके,
जगत् भर को समभाव से मुझमें ओतप्रोत (राममय) देखना और संतों को मुझसे भी अधिक करके मानना। जो कुछ मिल जाए, उसी में संतोष करना और स्वप्न में भी पराए दोषों को न देखना। स्वामी जी के दर्शन लाभ लेने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त आए हुऐ थे। इस तरह के धार्मिक कार्यक्रम से समाज में धर्म के प्रति आस्था प्रगाढ़ होती है। श्री सिद्ध बाबा आश्रम विकास समिति के सभी सदस्यों का इस धार्मिक आयोजन में सराहनी योगदान रहा ,इस नवधा भक्ति को सुनने एवं संत दर्शन करने आस पास के श्रद्धालु भक्त बड़ी संख्या में उपस्थित हो कर स्वामी जी से आशीर्वाद प्राप्त किए, समिति के द्वारा भंडारे का भी आयोजन किया गया।