
राहुल यादव (लोरमी/मुंगेली) मुंगेली पुलिस अपने विभागीय दायित्वों के साथ-साथ सामाजिक कार्यों की ओर अपने ऊर्जावान पुलिस अधीक्षक चन्द्रमोहन सिंह भा.पु.से. एवं प्रयोगधर्मी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती प्रतिभा पाण्डेय एवं पुलिस उप अधीक्षक लोरमी श्रीमती माधुरी धीरही के मार्ग दर्शन पर अग्रसर है चिल्फी पुलिस अपने वरिष्ठ अधिकारियों की सोच एवं परिकल्पना को साकार रूप देने लोरमी के सामाजिक संस्था “साथी हाथ बढ़ाना के साथियों से सम्पर्क कर अपने अधिकारियों की भावना से अवगत कराते हुए सहयोग प्राप्त कर अभिनव पहल करते हुए।

आज दिनांक 12.12.2022 को शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला चिल्फी के बच्चों को शीत लहर के प्रकोप से बचाने के लिए गरम कपड़ो का वितरण शाला के शिक्षक वृंदो के साथ पुलिस उप अधीक्षक श्रीमती माधुरी धीरही एवं सामाजिक संस्था “साथी हाथ बढ़ाना की सदस्या सुश्री मन्टी जायसवाल के गरिमामयी उपस्थिति में किया गया।

तत्पश्चात् शासकीय उच्च माध्यमिक शाला घटोली एवं शासकीय उच्च माध्यमिक शाला परदेशीकापा पहुंचकर स्कूली छात्र-छात्राओं को सदाचार, नैतिक शिक्षा, बालक एवं बालिकाओं तथा महिलाओं से संबंधित कानूनी प्रावधानों, गुडटच एवं बेडटच, घरेलू हिंसा, यातायात के नियमो के संबंध में सरल भाषा में जानकारी उपलब्ध कराते हुए उपस्थित शिक्षिकाओं तथा छात्राओं को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सोशल मिडिया में महिला सुरक्षा से संबंधित बनाये गये “अभिव्यक्ति एप्स के संबंध में विस्तार से जानकारी दिये। साथ ही साथ स्कूली छात्राओं को स्वच्छता से संबंधित टिप्स देते हुए सेनेटरी पैड्स का वितरण किया गया। चिल्फी पुलिस एवं सामाजिक संस्था साथी हाथ बढ़ाना के इस अभिनव पहल से शिक्षक शिक्षिकाओं काफी अभिभूत एवं प्रभावित हुए एवं मुक्त कंठ से प्रशंसा किये। सामाजिक सरोकार / रचनात्मक पहल में चौकी प्रभारी सुशील कुमार बन्छोर, प्र. आर. थम्बेश्वर परिहार, केकम सिंह आहिरे, रोशन टण्डन, आर नमित सिंह ठाकुर, देवीचंद नवरंग, विनोद कुमार बंजारे, प्रफुल्ल सिंह ठाकुर की सराहनीय भूमिका रही।

आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं, खासकर कम उम्र की छात्राएं , लोक लाज की वजह से माहवारी को लेकर टैबू फील करती है। साधन उपलब्ध न होने की वजह से भी सैनिटरी पैड की जगह कपड़ों का इस्तेमाल करती है, जिससे हमेशा संक्रमण की आशंका बनी रहती है। इसी कारण से सरकार की योजना अनुसार सभी ग्रामीण क्षेत्रों में, विशेष कर बालिका शालाओं में सेनेटरी वेंडिंग मशीन लगाने की योजना थी। लेकिन चिल्फी क्षेत्र में एक भी स्कूल में इस तरह की मशीन उपलब्ध ना होने से छात्राएं पारंपरिक कपड़ों का इस्तेमाल करने को विवश है, जो ना तो सुरक्षित है और ना हीं इससे वे सहज अनुभव कर पाती है, इसीलिए यह जरूरी है कि चिल्फी क्षेत्र की बालिका शालाओं में भी सैनिटरी बेंडर मशीन उपलब्ध कराई जाए, जहां 50 पैसे की मामूली शुल्क पर उन्हें सेनेटरी पैड उपलब्ध हो सके।