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जिला मार्शल आर्ट कराते एसोशिएशन के हरिशंकर साहू ने खेल विभाग में गड़बड़ी के लगाए गंभीर आरोप

ठा. प्रेम सोमवंशी (बिलासपुर) बिलासपुर प्रेस क्लब में आज थक हारकर मीडिया के द्वार पहुंचे पीड़ित ने अपनी आपबीती कही…..असल में बिलासपुर प्रेस क्लब में आज मीडिया से चर्चा करते हुए जिला मार्शल आर्ट कराते एसोशिएशन के हरिशंकर साहू ने कहा की बिलासपुर के जो मार्शल आर्ट कराते खेल संघ के लोग ही शासन का खेल का गलत तरीके से अपने लोगो का नाम खेल विभाग में दे दिए है। जो शासन के विरुद्ध है। इसमें शामिल कुछ लोग इसकी छवि को धूमिल कर रहे है और खिलाड़ियों की जिंदगी बर्बाद कर रहे है..यही नहीं उनको प्रशिक्षण देने के लिए रखा गया है जिनको कुछ नहीं आता है…और वही लोग अपनी मर्जी के मालिक बने बैठे है…. संघ के अध्यक्ष हरीशंकर साहू ने मीडिया के माध्यम मांग किया है की खेल प्रतिभा को आगे बढ़ाने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार लगातार महत्वकांक्षी योजनाएं बना रही है । लेकिन खेल विभाग के ठेकेदारों के कारण आज सही प्रशिक्षक को लाभ नही मिल रहा है । हम आपको बता दे की यह बिलासपुर में जो खेल संघ चला रहे है वह भी शासन और खेल विभाग शिक्षा विभाग की साठ गाठ से अपने ही लोगो का शिक्षा विभाग में नाम देदिया है जो खेल प्रशिक्षण देने के लायक ही नही है। बल्कि आपको बताता दे जो प्रशिक्षण लेने के बजाए प्रशिक्षण देने में लगा दीये है । और उन्ही योजनाओं के अंतर्गत शासकीय पूर्व माध्यमिक शालाओं में सर्व शिक्षा अभियान  विभाग के माध्यम से कक्षा 6वीं से 8वीं तक की सभी बालिकाओं को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के तहत आत्म निर्भरता के गुर सिखाने नवम्बर माह से 30 दिवसीय प्रशिक्षण सत्र प्रारंभ किया गया है,शिक्षा और खेल विभाग इसमें अपनी मनमानी भी कर रहा है.जिसकी वजह से खिलाड़ियों और संघ में काफी आक्रोश बना हुआ है.इसमें यह भी बात सामने आ रही है की जिनको कुछ नहीं आता उनको काम करने का मौका दिया जा रहा है.बाकी लोगो को दरकिनार किया जा रहा है…विडम्बना यह है कि इस प्रशिक्षण सत्र में बतौर कराते के अनुभवी योग्य एवं स्थानीय प्रशिक्षकों को दरकिनार कर अन्य खेल के प्रशिक्षकों को अवसर देकर शासकीय अनुदान का बंदरबाट किया जा रहा है। जबकि स्थानीय कराते एकाडमी शहर के अलग-अलग स्थानों पर कई वर्षो से कड़ी मेहनत एवं सक्रियता से प्रशिक्षण प्रदान कर ऐसे ऐसे खिलाडियों को तैयार कर रही है जो केवल राज्य स्तरीय ही नही बल्कि राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ राज्य का नाम रोशन करते आ रहे है। ऐसे कुछ बिन्दुओं पर जिला मार्शल आर्ट कराते एसोशिएशन बिलासपुर अपनी आपत्ति दर्ज कराकर मांग करता है कि मिडिल स्कूल कराते प्रशिक्षण में सिर्फ और सिर्फ कराते खेल विधा के जानकार योग्य अनुभवी एवं जिला अंतर्गत प्रशिक्षकों की ही नियुक्ति की जानी चाहिए ।उन्होंने न्याय की गुहार और हक की लड़ाई लड़ने के लिए फरियाद की है….लेकिन देखना होगा की इनकी आवाज कहा तक जा पाती है या फिर  आवाज दब जाएगी….

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