
संजय ठाकुर (जीपीएम) मरवाही वनमंडल के पेण्ड्रा वनपरिक्षेत्र के पीपलामार के जंगल में एक भालू जिसका संदिग्ध परिस्थितियों में लिंग कटा था, 2 दिन से जंगल में तड़प रहा था, ग्रामीणों की सूचना के बाद वन अमले ने मौके पर पहुंचकर भालू को रेस्क्यू कर प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज हेतु बिलासपुर के कानन पेंडारी के जु में भेजा है… भालू के लिंग कटे होने के कारण बड़ी मात्रा में खून का रिसाव हो गया है ,हालांकि वन विभाग इस पूरे मामले पर कुछ भी बोलने से बच रहा है।

भालुओ के प्राकृतिक रहवास के लिए प्रसिद्ध मरवाही वन मंडल में भालू एक बार फिर चर्चा में हैं इस बार वजह एक नर भालू के संदिग्ध परिस्थितियों में लिंग कटे होने की वजह से है दरअसल मरवाही वन मंडल के पेंड्रा वन परिक्षेत्र के पीपलामार बीट में कल शाम ग्रामीणों ने सूचना दी कि एक बड़ा व्यस्क नर भालू खून से लथपथ जंगल के पगडंडी में पड़ा हुआ है व दर्द से बुधवार की रात से कराह रहा है, लिंग कटा हुआ है एवम उससे लगातार खून बह रहा है , ग्रामीणों की सूचना पर गुरुवार की दोपहर वन विभाग मौके पर पहुँचा और मौके पर भालू की गम्भीर हालत को देखकर स्थानीय ग्रामीणों को वहां से चलता कर दिया ,मौके पर वन विभाग के एक्सपर्ट चिकित्सक ने भालू को रेस्क्यू करते हुए प्राथमिक उपचार दिया व उसे गुरुवार की रात मरवाही वन मंडल के नेचर कैंप में रात को रखा और भालू को आज शुक्रवार की सुबह कानन पेंडारी बिलासपुर शिफ्ट कर दिया.. पूरे मामले की जानकारी लगने के बाद जब मौके पर पड़ताल की गई तो जंगल में जिस जगह भालू पड़ा था वहां खून ही खून नजर आया,, वन विभाग को सूचना देने वाले ग्रामीणों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि भालू का लिंग कटा हुआ था जिससे खून बह रहा था ग्रामीणों का शक है किसी शिकारी ने भालू को बेहोश कर उसका लिंग काटा है ,जिसके बाद भालू दर्द से कराह रहा था।

मामले पर वन विभाग से बात करने की कोशिश की गई तो जिम्मेदार अधिकारियों से बात नहीं हो सकी वही जिस बीट में यह घटना हुई थी वहां के बीट प्रभारी ने मीडिया से दूरी बनाने एवं चुप्पी साधने में ही अपनी भलाई समझी.. जबकि मोबाइल से बात करने पर रेंज ऑफिसर ने जानकारी दी कि भालू ने खुद ही अपने लिंग को खा लिया है.. यह जवाब जब अटपटा व मामले को छुपाने वाला लगा तो हमने पशु चिकित्सक से पूरे मामले की एक्सपर्ट व्यू लिया जिसपर उन्होंने कहा कि भालू शाकाहारी होता है एवं किसी भी सूरत में मांस भक्षण नहीं करता और यदि वह विकसित नहीं है तो अपने लिंग या मास को खा ही नहीं सकता….