
ठा. प्रेम सोमवंशी (कोटा) कोटा नगर में दशहरा पर्व देर रात तक बड़ी धूमधाम से मनाया गया, रावण व कुंभकर्ण की चलित झांकी व स्थानीय व ग्रामीण क्षेत्र के लोगो के द्वारा निर्मित झांकियों के देखने सुबह तक बड़ी संख्या में कोटा नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग जूट रहे।

माना जाता है कि पूरे भारत देश में कोटा नगर ही एक मात्र स्थान है जहां रावण और कुंभकर्ण की चलित झांकी निकाली जाती है और रावण व कुंभकर्ण का दहन भी एक साथ किया जाता है। यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है।

नगर दशहरा उत्सव समिति कोटा व नगर पंचायत कोटा के द्वारा रावण व कुंभकर्ण की झांकी तैयार की जाती है जिसे करगी रोड स्टेसन से नाका चौक और नाका चौक से मंडी ग्राउंड तक नगर भ्रमण कराते हुए लाया जाता है।

जिसके बाद रावण व कुम्भकर्ण के पुतले का दहन किया जाता है। जिसे देखने बड़ी संख्या में लोग की भीड़ आती है।

चलित रावण व कुम्भकर्ण की झांकी के साथ राम, सीता, लक्षण, हनुमान सहित रावण की झांकी भी निकाली जाती हैं इस झांकी में छोटे छोटे बच्चों को राम, सीता, लक्षण, हनुमान सहित रावण बनाया जाता हैं।

नगर दशहरा उत्सव समिति कोटा व नगर पंचायत कोटा के द्वारा स्थानीय व ग्रामीण क्षेत्रों से आई हुई झांकियों को पुरस्कार दिया जाता है। इस बार के दशहरा पर्व में पांच झाकिया निकाली गई।

जिसमें निर्णायक मंडली द्वारा अष्टभुजी माँ दुर्गा उत्सव समिति डाक बंगला कोटा द्वारा निर्मित झांकी ‘बर्बरीक के द्वारा श्री कृष्ण को शीश दान’ को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ तो वही द्वितीय व तृतीय पुरस्कार धौराभाठा की झांकी बाली का वध, व शंकर पार्वती विवाह को मिला। प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त झांकियों को समिति की ओर से शील्ड व नगद पुरस्कार प्रदान किया गया।

कोटा थाना पुलिस टीम कि दशहरा पर्व में अहम भूमिका रही स्थानीय सहित ग्रामीण क्षेत्रों से आए ग्रामीणों की सुरक्षा व्यवस्था सहित यातायात व्यवस्था में जुटी रही कोटा पुलिस टीम।
