
उपेंद्र त्रिपाठी/बिलासपुर – फर्जी वेबसाइट बनाकर मुद्रा लोन दिलाने के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले सरगना सहित तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों को पुलिस ने मध्य प्रदेश के कटनी से गिरफ्तार कर लिया है। इनमें एक आरोपी वाराणसी उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वही 2 अन्य आरोपी बिहार के रहने वाले हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर ने इस मामले में गुरुवार की शाम प्रेस वार्ता कर पूरे मामले की जानकारी दी।

पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर ने बताया रेलवे कॉलोनी तारबाहर के रहने वाले जसविंदर कुमार ने उनके साथ हुई ठगी की एफआईआर तोरवा थाने में दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और आरोपियों को एंटी क्राइम साइबर यूनिट की मदद से कटनी से धर दबोचा गया।

प्रार्थी ने अपने पैतृक मकान निर्माण के लिए लोन के लिए ऑनलाइन वेबसाइट सर्च की थी और मुद्रा फाइनेंस और बजाज फाइनेंस से लोन दिलाने के नाम पर कॉल किया गया और ₹4 लाख 32 हज़ार 535 की ठगी कर ली गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र जयसवाल व आला अधिकारियों के निर्देश पर तोरवा पुलिस ने 5 सदस्य टीम बनाकर दिल्ली और गुड़गांव में खोजबीन की। जिसके बाद आरोपियों का ठिकाना मध्यप्रदेश का कटनी पाया गया घेराबंदी कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जिनके पास से विभिन्न कंपनियों के 4 नाग 6 नग मोबाइल सिम कार्ड, 1 लैपटॉप टेबलेट, 31 एटीएम कार्ड, 12 नग चेक बुक, 14 नग पासबुक और ठगी के रकम में से 2 लाख 55 हजार रुपए नगद बरामद किए गए हैं। इस मामले में जप्त बैंक खातों का अध्ययन कर रकम को होल्ड कराने संबंधित बैंक को पत्राचार भी किए जाने की बात कही गई।

इस मामले में वाराणसी उत्तरप्रदेश के रविंद्र कुमार को सर्च इंजन की वेबसाइट तैयार करने पर मुख्य सरगना बनाया गया है। वही गोपालगंज बिहार के रहने वाले विकास कुशवाहा और दरभंगा बिहार के सुजीत कुमार मुखिया को गिरफ्तार किया गया है।सभी आरोपियों कर खिलाफ भारतीय दंड विधान की संहिता की धारा 420 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
