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शासकीय निरंजन केशरवानी महाविद्यालय कोटा में धूमधाम से मनाया गया शिक्षक दिवस

कोटा – अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर से संबद्ध शासकीय निरंजन केशरवानी महाविद्यालय कोटा में भारत के पूर्व राष्ट्रपति तथा भारत रत्न डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंंती के सुअवसर पर सभी शिक्षकों के प्रति भावोद्गार व्यक्त करते हुए हुए विद्यार्थियों और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों के द्वारा धूमधाम से शिक्षक दिवस मनाया गया. सर्वप्रथम डॉ. राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया गया. स्वयंसेवक अंजलि, श्वेता, एश्वर्या एवं पायल ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की. इसके पश्चात शैक्षणिक जगत में विशेष योगदान के लिए महाविद्यालय के शिक्षकों को सम्मानित किया गया.

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. बी. एल. काशी ने अपने उदबोधन में बताया कि शिक्षा संस्कार है, शिक्षक युग सृजन व राष्ट्र निर्माण के स्तंभ होते हैं. शिक्षक विद्यार्थी को ज्ञान रूपी शिक्षा देकर योग्य बनाते हैं. हमें गुरू शिष्य परम्परा की ओर लौटना होगा और नई पीढ़ी को देश के प्रति प्रेम और कर्तव्य का पाठ पढाना होगा. विशिष्ट अतिथि प्रो. किशोर मिंज ने अपने संबोधन में गुरु की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु की पूजा तीनों लोकों में होती है. हर युग में गुरु पूजनिय रहे हैं. उन्होंने विद्यार्थियों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि आप भी शिक्षक बन कर समाज को प्रकाश देने का काम करें. राजनीतिशास्त्र विभाग के डॉ. जे. के. द्विवेदी ने डॉ. राधाकृष्णन के जीवन वृत्त पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम अधिकारी शितेष जैन ने बताया कि किसी भी सफल व्यक्ति की सफलता के पीछे शिक्षक की मेहनत होती है. सही शिक्षा के बिना व्यक्तित्त्व का निर्माण संभव नहीं है.

उन्होंने विद्यार्थियों से  मोबाइल की दुनिया से बाहर आकर अच्छी किताबों के अध्ययन की अपील की. स्वयंसेवक प्रभा, एश्वर्या, निशु, मानसी एवं चंचल ने डॉ. राधाकृष्णन के जीवन से जुड़े विभिन्न संस्मरण प्रस्तुत किए. कार्यक्रम का संचालन स्वयंसेवक मोहन वैष्णव के द्वारा किया गया. इस अवसर महाविद्यालय के प्राध्यापक वाई. के. उपाध्याय, व्ही. पी. मिंज, डॉ. प्रमिला देवी मिरी, रेडक्रास प्रभारी डॉ. सन्जू पाण्डेय, डॉ. के. पी. नामदेव, शांतनु घोष, डॉ. नीलम त्रिवेदी, आनंद साव, विनीत मन्नाडे, क्रीड़ा अधिकारी राजेश सिंह, ग्रंथपाल विकास ज़ायसवाल सहित महाविद्यालय के समस्त कर्मचारी एवं स्वयंसेवक उपस्थित थे.

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