सुर्खियां

भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ रहा अठारह करोड़ की सड़क, देश का पहला सड़क जिसमे लोग बना रहे है सीढ़ी

कोटा – लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की कृपा से अठारह करोड़ रु की निर्माणधीन खस्ताहाल सड़क भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ गया,देश का यह एकलौता सड़क है जहाँ सड़क में सीढ़ी बनाया जा रहा है,

उल्लेखनीय है कि रतनपुर नगर सीमा से लेकर खूंटाघाट पहुंच मार्ग तक लगभग नौ किलोमीटर डामर रोड का निर्माण पीडब्ल्यूडी विभाग की देखरेख में ठेकेदार द्वारा बनाया जा रहा है,अठारह करोड़ रु की लागत से बनाये जा रहे इस सड़क निर्माण ने घपलेबाजी की पराकाष्ठा लांघ रखी है, पूरे नौ किलोमीटर के सड़क निर्माण में किसी भी प्रकार का कोई मापदंड का न तो पालन किया गया है न ही स्टीमेट के हिसाब से कोई काम,विभागीय अधिकारियों की सरपरस्ती में ठेकेदार द्वारा बेख़ौफ़ होकर स्तरहीन सड़क बनाया जा रहा है,आलम यह है कि सड़क से दो फिट ऊपर नाली निर्माण किया गया है,जहाँ पर ब्यवसाई सड़क में सीढ़ी बनाकर ब्यवसाय करने मजबूर है, वही सड़क के दोनों ओर अधिकांश जगहों से नाली ही गायब है,

कही पुल तो कही नाली गायब

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्टीमेट के हिसाब से अठारह पुल सड़क बनाये जाने के दौरान जगह जगह बनाना था किंतु ठेकेदार की विभागीय संलिप्तता के चलते तरह जगहों पर ही पुल का निर्माण हुआ है जिसमे कई तो पुराने पुलों को जीर्णोद्धार कर बनाया गया है,

वही जिन स्थानों में नाली बनाया जाना था वहां नही बनाया गया,आधे अधूरे नाली बनाकर उसे पुराने बने हुए नालियों में जोड़ दिया गया है,जो ठेकेदार तथा विभाग के अफसरों की संलिप्तता को परिलक्षित कर रही है,

जबरन काट डाले हरे भरे पेड़

सड़क निर्माण के दौरान बेवजह पचासों बड़े बड़े हरे भरे पेड़ काट डाले गए जबकि वो सड़क निर्माण में बाधा नही बन रहे थे,जरूरत नही थी फिर भी इन हरियाली बिखेर रहे पेड़ों की कटाई क्यों कि गई इसका जवाब न तो विभाग दे रहा है न ही ठेकेदार,

ठेकेदार पर विभागीय अफसर मेहरबान

लोक निर्माण विभाग के अफसरों की इस सड़क ठेकेदार पर इतनी मेहरबानी है कि उसे एक नोटिश तक जारी नही किये है,बार बार आमजनों द्वारा मौके पर की गई शिकायत,के साथ ही स्तरहीन निर्माण को लेकर वो चुप्पी साधे बैठे है, जानकर सूत्रों ने बताया कि सड़क निर्माण का कार्य अवधि पन्द्रह माह का था और आज अठारह माह हो गया,निर्माण कार्य अधूरा है न पूरी तरह सड़क बन पाया,न ही नाली ,ना ही पथवे इन सब के बावजूद विभागीय सेटिंग के चलते ठेकेदार को न तो नोटिश भेजा गया ना ही उस पर पेनाल्टी लगाया गया,जो विभागीय अधिकारियों के क्रियाशैली पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है।

नाली गलत बना है कि सड़क

  1. आमजनों का कहना है कि नाली सड़क से दो फिट ऊपर बना है या फिर सड़क नाली से दो फिट नीचे यह जांच का विषय है,की दोनो कार्यों में लीपापोती विभाग के किस ईमानदार अधिकारी की देखरेख में यह निर्माण कार्य हो रहा है,उपरोक्त सम्बन्ध में विभागीय अधिकारी जानकारी देने से बचते रहे वही सब इंजीनियर अतिरेक राही का मोबाइल स्विच ऑफ रहा,

समाजसेवी निरंजन सिंह ठाकुर ने कहा कि वास्तव में सोचने वाली बात है सड़क में कैसे कोई सीढ़ी बना सकता है, सड़क निर्माण में जमकर घपलेबाजी की बू आ रही है।

Back to top button
error: Content is protected !!