
शेखर बैसवाड़े (नेवसा) बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण अंचलों में अक्ती का पर्व परंपरागत ढंग से हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। अक्षय तृतीया पर छोटे-छोटे बच्चों सहित युवतियों, महिलाओं के द्वारा मिट्टी के दूल्हा-दुल्हन यानि गुड्डा-गुड़ियों की शादी वट वृक्ष नीचे व आंगन व अपने घरों में ब्याह रचाई गई। पर्व मनाने के लिए युवतियों, महिलाओं ने शनिवार को ही तैयारियां कर ली थी। बाजार में मिट्टी के पुतरा-पुतरियां खरीदते बड़ी संख्या में बालिकाएं, महिलाएं देखी गई थी। बाजार में दिनभर पुतरा पुतरियों के जोड़े भी बिके थे। रविवार को बच्चों व युवतियों, महिलाओं के द्वारा धार्मिक स्थलों पर लगे वट वृक्ष (बरगद पेड़) के नीचे वह अपने घरों में पहुंचकर पूजन अर्चन कर पारंपरिक रूप से पुतरा-पुतरियों का विवाह रचाया और पिकनिक का आंनद उठाया गया। इसके साथ ही घरों में आयोजन कर पर्व को मनाया गया। बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में जगह-जगह युवतियां, महिलाएं, बच्चे विभिन्न प्रकार के पकवान बनाकर लेकर पहुंची।

इस बार अक्षय तृतीया पर विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं होने से तथा यज्ञ, उपदेश, कथा, मंत्र जप आदि के लिए अच्छा समय होने से कई जगह धार्मिक आयोजन हुए। लोगों ने दान करके कभी क्षय न होने वाले पुण्य का लाभ प्राप्त किया। पं. सन्तोष मिश्रा ने बताया कि यहां अक्ती पर घर-घर में आयोजन होते हैं। घर पर ही मंडप बनाकर गुड्डा-गुड्डियों का विवाह रचाकर विधि-विधान से पर्व को मनाते हैं। परंपरानुसार लोग नया घड़ा लेकर उसमें पानी भरकर रखते हैं। साथ ही अन्य पांच बर्तनों में पानी भरते हैं। साथ ही आसपास के धार्मिक स्थलों पर लगे बरगद के पेड़ के नीचे पुतरा-पुतरियों का विवाह रचाकर छत्तीसगढ़ की परंपरा के अनुसार घर घर में बच्चों ने अपने गुड्डा गुड़िया का नकली ब्याह रचाने का खेल खेल कर भरपूर आनंद लिया।